भारत में समुद्री रास्ते से सेंध लगाने की कोशिश में चीन
भारत और अमेरिका के बीच एशिया प्रशांत और हिंद महासागर से जुड़े मुद्दे समुद्र सुरक्षा एवं सुरक्षा के उपायों पर बातचीत होने वाली है । जिसमें दोनों देश समुद्री सुरक्षा के सहयोग को और बढ़ाने के लिए इस मसले पर बातचीत करेंगे । भारत और अमेरिका के बीच सचिव स्तर की वार्ता होने जा रही है । यह मामला काफी संवेदनशील है क्योंकि समुद्री इलाका बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र है । इस पर चीन भी अपनी नजर गड़ाए हुए हैं क्योंकि यह समुद्री इलाके सामरिक लिहाज से चीन के लिए काफी उपयोगी है ।
दक्षिण और मध्य एशिया मामले के लिए सहायक सचिव एलिस वरनेसि और एशिया प्रशांत क्षेत्र मामलों के रक्षा सचिव के सहायक रॉन्डेल अपने भारतीय समकक्ष के साथ इस मसले पर चर्चा करेंगे । अमेरिका के विदेश विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है । यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एशिया प्रशांत और हिंद महासागर चीन में अपने दिलचस्पी दिखा रहा है और इन समुद्री इलाकों में चीन के दखल बढ़ रही है जिससे सामरिक संतुलन को खतरा हो सकता है ।
पिछले महीने हिंद महासागर में चीन की नौसेना के बढ़ते दखल को देखते हुए भारतीय नौसेना ने भी इस पर चिंता जाहिर की थी और भारतीय नेवी चीफ एडमिरल ने कहा था कि भारतीय सेनाओं को अब चीन को जवाब देने का वक्त आ गया है । उनका कहना है कि चीन ने अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को अत्याधुनिक हथियार एवं संसाधन के साथ इस क्षेत्र में भेजने की जरूरत है और इसलिए भारत को सतर्क हो जाना चाहिए । एक रणनीति के तहत चीन इस इलाके में अपना प्रभुत्व कायम कर रहा है । इसके लिए उसने द्वीप देशों के साथ अपने संबंध को मजबूत करने की कोशिश की है ।
चीन ने हिंद महासागर में अपना दबदबा कायम करने के लिए श्रीलंका को एक युद्धपोत गिफ्ट में दिया था और रेल के डिब्बे और इंजन बनाने वाली कंपनी को श्रीलंका में निवेश करने की घोषणा की थी । मालूम हो कि चीन ने 2017 में श्रीलंका पर चीन का काफी कर्ज हो जाने के बाद श्रीलंका का हंबनटोटा पर अपना अधिकार कर लिया था । चीन लगातार हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है और इसे लॉजिस्टिक्स बताता है । चीन का पाकिस्तान में भी हस्तक्षेप बढ़ रहा है । यदि भारत हिंद महासागर में चीनी नौसेना की घुसपैठ को नजरअंदाज करता है तो इससे भारत को काफी नुकसान हो सकता है । चीन ने इस क्षेत्र में अपने आठ युद्धपोत लगाएं हैं और अब बंगाल की खाड़ी पर बंदरगाह बनाने के लिए निवेश कर रहा है । इस तरह से हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में चीन अपना प्रभुत्व जमा कर भारत को घेरने की कोशिश में लगा हुआ ।