आज ही जन्मे थे टाटा कंपनी को बुलंदियों पर पहुँचाने वाले जेआरडीटाटा

मशहूर उद्योगपति  जेआरडी टाटा का जन्म आज के ही दिन फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ था जेआरडी टाटा का पूरा नाम जहांगीर रतन जी दादाभाई टाटा था

टाटा ग्रुप के विकास में जेआरडी टाटा का महत्वपूर्ण योगदान था टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी और एयर इंडिया की स्थापना जेआरडी टाटा ने ही की थी  

जेआरडी टाटा भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्हें पायलट का लाइसेंस मिला था   भारत सरकार ने जेआरडी टाटा को 1955 पद्म विभूषण और 1992 भारत रत्न से सम्मानित किया था  

जेआरडी टाटा की मृत्यु स्विट्जरलैंड के जेनेवा में 29 नवंबर 1993 को हुई जेआरडी टाटा का योगदान जमशेद शहर और पूरे देश में है जेआरडी टाटा लोगों की परेशानीयों को बेहतर ढंग से समझते थे और उन्हें दूर करने की भी कोशिश करते थे

जेआरडी टाटा का मानना था कि टाटा को वह काम करना चाहिए जिससे देश लाभ हो ना कि सिर्फ कंपनी का लाभ अधिक हो उनका मानना था कि टाटा द्वारा ऐसे उत्पादों का उत्पादन करना चाहिए जिसकी आवश्यकता भारत को अधिक है

जेआरडी टाटा सामाजिक कल्याण क्षेत्र मे भी बहुत योगदान दिया है उन दिनों जब जेआरडी टाटा जमशेदपुर में काम करने का प्रशिक्षण ले रहे थे उन्ही दिनों उनके पिता आरडी टाटा की स्वीटजरलैंड में मृत्यु हो गई और वह अंतिम समय में वहां नहीं पहुंच पाए थे

उन दिनों  टाटा कंपनी पर काफी कर्ज था और उन्हें अपने चार भाईबहनों की भी देखभाल भी करनी थी   जेआरडी टाटा जोखिम उठाने से कभी पीछे नहीं हटते थे जब कंपनी कर्ज में डूबी थी तो उन्होंने सिर्फ 750 प्रति माह वेतन लेना स्वीकार किया था जेआरडी टाटा का कहना था कि एक विमान चालक को वह घुड़सवार सवार की तरह तुरंत निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए

जेआरडी टाटा अपने आदर्श और उसूलों के लिए जाने जाते थे ऐसा माना जाता था कि उन्होंने कभी कोई भी नियम नहीं तोड़ा था उनके पास अपना खुद का एयरलाइंस होने के बाद भी जब कभी उन्हें हवाई जहाज से यात्रा करनी पड़ती थी तो वह एक सामान्य नागरिक की तरह ही लाइन में खड़े होकर सारी औपचारिकताएं पूरी करते थे 

टाटा समूह जेआरडी के नेतृत्व में  8 घंटे का कार्य दिवस, चिकित्सा सहायता, भविष्य निधि योजना और काम पर दुर्घटना मुआवजा योजना जैसी कई समाज कल्याण की योजनाओं को देश में पहली लागू किया था उनके द्वारा संस्थापित संस्थान निरंतर देश की सेवा में लगे हुए है

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