क्या तालिबान की वापसी में पाकिस्तान का ही असली हाथ है और क्या चीन भी इस खेल में शामिल है?
अमेरिका मूर्ख बनने को तैयार क्यों था?
पाकिस्तान में सीमा पार विजेताओं को बधाई संदेश दिए जाएंगे। देश में आतंकवादी संगठनों के महान नेताओं से लेकर इस्लामिक पार्टियों के नेताओं, सरकार के सदस्यों और यहां तक कि प्रधानमंत्री इमरान खान तक। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि उन्हें कभी तालिबानी खान कहा जाता था।
जिसे आधा पाकिस्तान कठपुतली प्रधान मंत्री कहता है, उसने घोषणा की कि “अफगानों ने अपनी गुलामी की जंजीरें तोड़ दी हैं”।
और इस तरह इमरान खान ने लोगों को एक लंबा भाषण देते हुए कहा कि पश्चिमी शिक्षा, मानसिकता, कपड़े, पोशाक और जीवन के तरीके के क्या नुकसान हैं।
रावलपिंडी और आसपास के क्षेत्र ने भी सेना की रणनीति और गुप्त योजनाओं का जश्न मनाया।असली सवाल यह है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को बीस साल से अधिक समय तक धोखा क्यों दिया।
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