गर्भनिरोधक गोलियां सिर्फ महिलाओं के लिए ही क्यों बनी

अनचाहे गर्भ से बचने के लिए महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं । गर्भनिरोधक गोली के जैसे ही दुनिया भर के वैज्ञानिक पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक जैसे गोली को विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं ।

जिसमें थोड़ी कामयाबी भी मिली है लेकिन पैसों की कमी और पुरुषों की उदासीनता की वजह से भी पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक गोलियां का उत्पादन बड़े पैमाने पर नहीं हो पाया ।आज के समय में भी महिलाओं को ही हर बात के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

महिलाओं से ही आज भी उम्मीद की जाती है कि गर्भ ना ठहरने की जिम्मेदारी भी वहीं उठाएं । हालांकि इस विषय पर कई सारे लोग इस बात का समर्थन करने के लिए सामने आये कि यदि पुरुषों के लिए ऐसी कोई गोली बनाई गई होती तो पुरुष उसे स्वीकार कर लेते ।

ब्रिटेन में हुए एक शोध में एक तिहाई लोगों का मानना है कि इस प्रकार के गोली या फिर तकनीक के इस्तेमाल से संतानोत्पत्ति पर अंकुश लगाने का कोई जरिया अपनाना चाहते हैं । वर्तमान समय में ब्रिटेन में लगभग एक तिहाई महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं ।

इस सर्वे में 10 में से 8 लोगों का मानना है कि गर्भनिरोधक पुरुष और महिला दोनों की जिम्मेदारी है । इसलिए यह जिम्मेदारी दोनों को एक दूसरे से शेयर करना चाहिए ।

वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में हुए 18 से 44 साल की आयु वर्ग के लोगों को पर सर्वे में सामने आया कि देश में 77% लोगों का कहना है कि पुरुष नसबंदी और कंडोम इस्तेमाल करने के बजाय किसी अन्य तरीके वाले गर्भनिरोधक के इस्तेमाल में उन्हें दिलचस्पी है ।

क्या आने वाले समय में सार्वजनिक तौर पर इस बात को स्वीकार कर लिया जाएगा कि अनचाहे गर्भ से छुटकारा दिलाने के लिए पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक जैसे गली बने और बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो ।

संयुक्त राष्ट्र के द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि दुनिया भर में सेक्स के लिए सक्रिय कपल्स में एक तिहाई कपल से ऐसे हैं जो किसी भी प्रकार की गर्भनिरोधक का इस्तेमाल नहीं करते हैं और जो कपल्स गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करते भी हैं उनमें से ज्यादातर महिलाएं ही इसे अपनाती हैं ।

आज के समय में पुरुषों से जुड़े गर्भनिरोधक के तरीके मौजूद हैं । लेकिन ये काफी कम चलन में है । आंकड़े के मुताबिक महज 8% पुरुष कंडोम का इस्तेमाल करते हैं और 2% पुरुष नसबंदी कराते हैं ।

गर्भनिरोधक गोली के आविष्कार को बीसवीं सदी के सबसे महान आविष्कार में गिना जाता है । आज के समय में दुनिया भर में जेंडर समानता की बात बढ़ रही है और इसका दायरा भी विस्तृत होता जा रहा है ।

अब यह धारणा सामने आ रही कि गर्भनिरोधक से संबंधित तकनीक का इस्तेमाल करना और मानसिक, सामाजिक, वित्तीय और स्वस्थ से संबंधित चुनौतियों का सामना केवल महिलाओ को ही क्यों करनी पड़े पुरुष के लिए भी इस तरह की चीजें होनी चाहिए ।

ऐसे विचार आने लगे हैं कि पुरुषों के लिए बनाई गई गर्भनिरोधक गोलियों  के उत्पादन को बढ़ा कर उनके इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए ।

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