जम्मू कश्मीर में अलगाववादी और राजनीतिक दल बिना शर्त बातचीत को हो सकते है तैयार
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद को जम्मू कश्मीर से हटाए जाने के बाद वहां के हालात में तेजी से सुधार हो रहा है । जम्मू कश्मीर को दो राज्य में विभाजित कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित राज्य बना दिये गए है । नए कश्मीर मोदी और शाह का मास्टर स्ट्रोक सफल होता नजर आ रहा है । मौजूद स्थिति में एक नई बात सामने आई है कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मालिक के सलाहकारों के पास ऐसी सूचना आ रही कि घाटी के अलगाववादी संगठन के नेता और राजनैतिक दल के कार्यकर्ता और कोई संगठनों के प्रतिनिधि बात चीत के लिए तैयार है और हो सकता है अगले हफ्ते तक कुछ लोग राज्यपाल के पास बातचीत के लिए आये ।
गृहमंत्रालय को मिली जानकारी के अनुसार जम्मू कश्मीर के संगठन बिना शर्त बातचीत के लिए और मुख्यधारा में लौटने के लिए तैयार है । अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में लगी बंदिश को हटाने और लोगो को मुख्य धारा में लाने का पालन कामयाब होता दिख रहा है । राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और जम्मू कश्मीर के राज्यपाल की टीम ने बेहतर ढंग से कम किया और वहाँ जनजीवन धीरे धीरे सामान्य होने लगा है । अजित डोभाल ने जम्मू कश्मीर में 9 दिन रहे थे और मौलवियों, सरपंचों, और दूसरे संगठनों के प्रतिनिधि से खुलकर बातचीत की और आम लोगो से भी मिले थे । अजित डोभाल जम्मू कश्मीर में काफी सक्रिय नज़र आये थे । इंटेलिजेंस निकाय से मिली जानकारी के मुताबिक फैसला किया गया है कि राज्यपाल के चार सलाहकार जम्मू और कश्मीर में नियमित तौर से लोगो की शिकायत सुनेंगे ।
सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के मुताबिक जम्मू कश्मीर में राजनैतिक दल भले ही सक्रिय नही है लेकिन नेशनल कॉन्फ़्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता सरकार से बात करने के लिए तैयार है और औपचारिक रूप से राज्यपाल के सलाहकार टीम से मिल रहे है और तो और अलगाववादी नेता भी अब सरकार से बातचीत करने का मन बना रहे हैं । सरकार के पास ऐसे लोगो की सूची है जो अलगाववादी और दूसरे संगठनों से जुड़े हैं । नए एंटी टेरर बिल के पास हो जाने के बाद लोगो को पता है को अगर ये लोग गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल पाए जाते है तो सरकार कभी भी इनको आतंकी घोषित कर देगी इस डर से भी ये लोग मुख्य धारा में शामिल होना चाहेंगे ।
ऐसी आशंका जताई जा रही कि लोगो मे राजनीति दलों और अलगावादियों के खिलाफ काफी गुस्सा है, जम्मू कश्मीर में हालात के सामान्य होते ही स्थानीय कार्यकर्ता इस संगठनों से दूरी बना सकते हैं व। लेकिन कुछ कार्यकर्ता अब भी ऐसे हैं जो अपने नेताओं के हिरासत से बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं । लेकिन जम्मू कश्मीर के युवा विकास और सामाजिक न्याय का समर्थन करते भी नज़र आ रहे है । जम्मू कश्मीर में हालात जल्द ही समय होने पर स्थिति साफ हो जाएगी ।