जम्मू कश्मीर में सेना की थी पहले से तैयारी
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने से पहले सेना ने हर तरह की समस्या से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी । सेना प्रमुख बिपिन रावत तैयारियों का जायजा लेने के लिए जम्मू–कश्मीर भी गए थे । सांसद में जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को हटाने वाले प्रस्ताव को लाने से पहले सभी तरह की चुनौतियों और संकट से निपटने के लिए कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई थी और उन्हें अलर्ट कर दिया गया था कि आने वाले समय में घाटी से संबंधित कुछ बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं ।
केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्ताव पेश करके अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया गया और उसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो नए केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए । इसे मोदी सरकार का एक ऐतिहासिक फैसला कहा जाता है । भारतीय सेना द्वारा एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से कोई भी नापाक हरकत से निपटने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की भी तैनाती कर दी गई थी । एक रक्षा अधिकारी के अनुसार विभिन्न स्थानों पर खासतौर से दक्षिण कश्मीर में स्थानीय कमांडर ने किसी भी तरह की अशांति फैलाने वाली घटना से निपटने की तैयारी शुरू कर दी थी कुछ जगहों पर खुद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने तैयारियों का जायजा दिया था । लेकिन स्थानीय कमांडरों को एझ बात की कोई भी जानकारी नहीं दी गई थी कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जा सकता है बस उन्हें चुनौतियों से निपटने के लिए आगाह किया गया था ।
सेना द्वारा किसी भी चुनौती से निपटने के लिए राष्ट्रीय राइफल और अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती घाटी में कर दी गई थी । आंकड़ों के मुताबिक घाटी में ढाई सौ आतंकवादी हो सकते हैं जो यहां पर चुनौतियां पैदा कर सकते हैं और इन्हीं से निपटने के लिए तथा घाटी में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई । सुरक्षाबलों को संवेदनशील क्षेत्रों में ज्यादा संख्या में तैनात किया गया है । घाटी में सुरक्षाबल पूरी क्षमता से संकट पैदा करने वाली स्थिति से निपटने के लिए तैयार है । मालूम हो जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का प्रस्ताव दोनों सदनों में पास कर दिया गया ।