जानिए क्या है AI, क्या है जॉब सर्च की नई तकनीक, जानिए इनके विवाद की वजह

नई दिल्ली। सिडनी में प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) नामक एक प्रणाली विकसित की है। इस प्रणाली से युवाओं को नौकरी खोजने में मदद मिलेगी।

यह बदलते समय में एक मांग वाले पेशे को चुनने में भी मदद करता है। लेकिन इसको लेकर विवाद भी है। जानकारों का कहना है कि इस सिस्टम को शुरू करने से करियर काउंसलर, एक्सपर्ट जैसे कई लोगों की नौकरियां खतरे में हैं.

लेकिन विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जहां नई तकनीकों से नौकरियों को खतरा है, वहीं वे रोजगार के नए अवसर भी खोलती हैं। इसी वजह से अब ऐसा AI-आधारित सिस्टम तैयार किया गया है जो करियर के चुनाव में मदद कर सकता है। अब तक किए गए प्रयोगों में 76 प्रतिशत की सटीकता पाई गई।

भविष्य में होने वाले परिवर्तनों के आधार पर सलाह दी जाती है
सिडनी में प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रणाली एक ऐसे करियर का सुझाव देती है जिसके सफल होने की संभावना अधिक होती है। कौशल की समानता का निर्धारण करने के बाद, नए कौशल के आधार पर कार्यकर्ता के पेशे का अनुमान लगाया जा सकता है।

सभी प्रकार के विश्लेषण के बाद सुझाव देता है
AI सिस्टम नए और पुराने कौशल के बीच समानता को मापकर करियर के विकल्प सुझाता है। एक पत्रकार पर प्रौद्योगिकी का क्या प्रभाव हो सकता है, उदाहरण के लिए, उद्योग में जीवित रहने के लिए उसे किन कौशलों की आवश्यकता है। आदि जानकारी प्रदान करते हैं।

इसी तरह, एक एकाउंटेंट एक वित्तीय विश्लेषक का विकल्प चुन सकता है क्योंकि दोनों व्यवसायों में आवश्यक कौशल समान हैं। लेकिन एक भाषण चिकित्सक के लिए एक वित्तीय विश्लेषक के कौशल को सीखना मुश्किल होगा।

80 लाख से अधिक नौकरियों का विश्लेषण
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी के शोधकर्ता निक डॉसन, मैरिएन आंद्रेई रिजौ और साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के मैरी एन विलियम्स ने करियर में बदलाव का सुझाव देने के लिए इस प्रणाली को विकसित किया। मशीन लर्निंग का उपयोग करके 8 मिलियन ऑनलाइन नौकरी विज्ञापनों का विश्लेषण किया गया।

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