धूम्रपान के तरीकों में हुक्का पीना सबसे ज्यादा हानिकारक

ADVERTISEMENT

एक शोध के मुताबिक हुक्का पीना धूम्रपान करने के अन्य तरीकों की तुलना में सबसे ज्यादा हानिकारक है आज कल तो हुक्का पीना स्टेटस सिंबल बन गया है खास कर के आज कल के युवाओं में काफी सारे लोगो का मानना है कि हुक्का पीना हानिकारक नही है पर यह सिर्फ एक मिथ है हकीकत यह है कि हुक्का पीना धूम्रपान करने के अन्य तरीकों से सेहत के लिए ज्यादा हानिकारक है लेकिन आज कल यह स्टेटस सिंबल से बन गया है चाहे वो कोई बड़ा रेस्टोरेंट हो या फिर शादी, अब फ्लेवर हुक्के का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है होटलों आदि के लिए हुक्का सर्व करना कमाई का नया जरिया बन गया है

आजकल तो महानगरों के बड़े बड़े मॉल्स में युवा हुक्का पीते और धुँए का कश लेते देखे जा रहे हैं हुक्का के बढ़ते प्रचलन के बीच एक शोध में काफी हैरान कर देने वाली जानकारी मिली। शोध के अनुसार हुक्का पीना धूम्रपान के अन्य तरीकों से काफी ज्यादा हानिकारक है अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओ के अनुसार हुक्का पीने से शरीर मे निकोटिन पहुचता है जिससे तम्बाकू की लत लगती है हुक्का पीने से शरीर मे बेंजीन बनता है जिससे कैंसर की संभावना रहती है चूंकि लोग हुक्का काफी ज्यादा देर तक पीते है इसलिए शरीर मे हानिकारक रसायन ज्यादा मात्रा में पहुचता है  

ADVERTISEMENT

हुक्के में तंबाकू को गर्म करने के लिए प्रयोग होने वाले कोयले से कार्बन मोनोऑक्साइड निकलता है जो कि और ज्यादा हानिकारक होता है शोध के अनुसार लोगो मे यह अवधारणा गलत है कि हुक्के में धुंआ पानी के गुजरने के कारण हानिकारक तत्व छन जाते है शोध के अनुसार मुँह, फेफड़ा और ब्लोड कैंसर का खतरा हुक्का पीने वाले में ज्यादा देखा गया है इसके अलावा यह हृदय रोग का भी कारण बनता है शोध के अनुसार 40-45 मिनट हुक्का पीने से शरीर मे 100 सिगरेट पीने के बराबर निकोटिन पैदा होता है हुक्का में भरा जाने वाला चारकोल ज्यादा हानिकारक रासायनिक तत्व पैदा करता है क्योकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड, निकोटिन,वाष्पशील कार्बनिक रसायन, एक्रोलीन,सीसा, कैडमियम और आर्सेनिक आदि निकलते हैं निकोटिन के कारण हाथ पैर की खून की नलियों में कमजोरी और शिकुडन पैदा हो जाती है और फिर आवश्यक ऑक्सीजन नही पहुँच पाता है

ADVERTISEMENT

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *