पश्चिम बंगाल विकास दर के मामले में सबसे आगे
एक तरफ जहां अनुमान लगाया जा रहा है कि देश की विकास दर 7% पर कम रह सकती है और वैश्विक और घरेलू कारणों के मद्देनजर देश की विकास दर इस साल पिछले 5 साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई है तो दूसरी तरफ राज्यों के मामले में आर्थिक विकास दर में वृद्धि देखने को मिल रही है । वित्त वर्ष 2018 -19 में चार ऐसे राज्य हैं जहां की सालाना जीएसडीपी में वृद्धि दर 10% के ऊपर है । पश्चिम बंगाल जहां विकास दर के मामले में पिछड़ा रहता था, वित्त वर्ष 2018-19 पश्चिम बंगाल ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए सर्वाधिक विकास दर वाला राज्य बन गया है ।
वित्त वर्ष 2018-19 में पश्चिम बंगाल के विकास दर 12.58% है । उत्तर प्रदेश और पंजाब की विकास दर घट गई है । वित्त वर्ष 2018-19 के आंकड़ो के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अपने वेबसाइट पर 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की विकास दर के आंकड़े को उपलब्ध कराया है । इन आंकड़ों को प्रदेश सरकारों के आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय के माध्यम से जुटाया गया है । वित्त वर्ष 2018-19 आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल , आंध्र प्रदेश, बिहार और तेलंगाना राज्य की विकास दर 10% से अधिक है । ऐसा पहली बार हुआ है जब पश्चिम बंगाल की विकास दर दो अंकों में पहुंची है । इसके पहले वित्त वर्ष 2017-18 में पश्चिम बंगाल की विकास दर 8.88 प्रतिशत थी । पश्चिम बंगाल के बाद सबसे ज्यादा आर्थिक वृद्धि वाला राज्य आंध्रप्रदेश है । आंध्र प्रदेश की आर्थिक विकास दर 11.02% है । इस वर्ष वित्त वर्ष 2018-19 में बिहार की आर्थिक विकास दर 10.53% है । इस तरह से बिहार तीसरे स्थान पर है ।
गोवा ऐसा राज्य है जिसकी विकास दर वित्त वर्ष 2018 -19 में सबसे कम 0.47% है ।पंजाब की विकास दर 5.9% ,छत्तीसगढ़ 6.8% ,उत्तर प्रदेश 6.46% और उत्तराखंड 6.7% के साथ सबसे कम विकास दर वाले राज्यों की सूची में शामिल हैं । पिछले कुछ वर्षों में देश की आर्थिक विकास दर में सुस्ती देखने को मिल रही है । ऐसे में राज्यों में तेज विकास दर महत्वपूर्ण हो जाती है । आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में देश की जीडीपी 7% से कम रहने का अनुमान है और पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में यह पिछले पाँच सालों के न्यूनतम स्तर 6.8% पर पहुंच गई थी ।