पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से रखा अगले 25 साल का खाका और निभाए ये 5 संकल्प

आज 15 अगस्त 2022 को भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ है। लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहराने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के इतने दशकों के बाद भारत के प्रति पूरी दुनिया का नजरिया बदल गया है.

दुनिया ने भारतीय धरती पर समस्याओं के समाधान की तलाश शुरू कर दी है। दुनिया में ये बदलाव, दुनिया के सोचने के तरीके में ये बदलाव, हमारे 75 साल के सफर का नतीजा है।

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान पंच प्राण के 25 साल पूरे होने के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए हमें अपनी शक्ति, दृढ़ संकल्प और क्षमता को पंच प्राण पर केंद्रित करना चाहिए। अनुभव हमें बताता है कि अगर हम सभी दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं, तो हम निर्धारित लक्ष्यों को पार कर जाएंगे।

1. विकसित भारत

2. शत-प्रतिशत गुलामी के विचार से मुक्ति

3. विरासत पर गर्व है

4. एकता और एकता

5. नागरिकों का कर्तव्य

विकसित भारत: स्वच्छता अभियान, टीकाकरण, ढाई करोड़ लोगों के लिए बिजली, खुले मल से मुक्ति, नवीकरण ऊर्जा, हम सभी मापदंडों पर दृढता से आगे बढ़ रहे हैं।

शत-प्रतिशत गुलामी के विचार से मुक्ति : राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुलामी के बारे में उसी सोच से छुटकारा पाने का तरीका है। हमें देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप देश की उभरती सोच और ताकत का नतीजा है।

विरासत पर गर्व है: जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे तो ऊंची उड़ान भरेंगे। तभी आप दुनिया को कोई समाधान दे पाएंगे। इसलिए विरासत पर गर्व करना जरूरी है। मोटा चावल हमारी विरासत का हिस्सा है। एक आम परिवार हमारी विरासत का हिस्सा है। पर्यावरण की रक्षा करना हमारी विरासत में छिपा है।

एकता और एकजुटता: विविधता का जश्न मनाएं। जेंडर इक्वलिटी, इंडिया फर्स्ट, वर्कर्स का सम्मान इसका हिस्सा है। नारी का अपमान एक महान विकृति है जिससे मुक्ति का मार्ग खोजना होगा।

नागरिकों के कर्तव्य: नागरिक कर्तव्य प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है। यह मूल जीवन शक्ति है। बिजली की बचत, खेतों में उपलब्ध पानी का पूर्ण उपयोग, रसायन मुक्त कृषि, नागरिकों की जिम्मेदारी और भूमिका हर क्षेत्र में पहचानी जाती है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का कोई कोना नहीं, ऐसा कोई समय नहीं था जब हमवतन सैकड़ों साल गुलामी से नहीं लड़ते थे, जीवन व्यतीत करते थे, यातनाएं झेलते थे और बलिदान देते थे। आज हम हमवतन लोगों के लिए हर महान व्यक्ति (महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भीम राव अंबेडकर, वीर सावरकर) हर बलिदानी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है।

देश आभारी है कि मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल, हमारे अनगिनत क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश शासन की नींव को ही हिला दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र की जननी वे हैं जिनके मन में लोकतंत्र है अगर वे दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं, तो यह शक्ति दुनिया की महान सल्तनतों, इस लोकतंत्र की जननी के लिए भी संकट का समय लाती है।

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