पेरेंटिंग : वक़्त है वक़्त बाँटने का

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारे पास सबकुछ है लेकिन किसी के लिए भी वक्त नहीं है,फिर चाहे वो दोस्त हो ,रिश्तेदार या खुद के बच्चे ही क्यों न हो।

लेकिन सबसे महत्वपूर्ण  है किसी बच्चे का अभिभावक होना। अभिभावक होना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी  है ,परन्तु इस जिम्मेदारी को अच्छी तरह  से निभाने के लिए अभिभावकों के पास समय भी तो हो

आधुनिक जीवनशैली ने हमसे हमारे अपनों का वक़्त छीन लिया है या यूँ कहें हमने इस कमी को महसूस करना बंद कर दिया है और इस बात का सबसे अधिक असर बच्चों की परवरिश पर पड़ता है।

अगर आप भी एक अभिभावक हैं और अपने बच्चों को भरपूर वक्त नहीं दे पा रहे हैं तो सावधान हो जाएं और उनके लिए वक्त निकाले ताकि आप सच्ची ख़ुशी को महसूस कर सकें।

अगर आपमें वो पेरेंटिंग स्किल्स नहीं है तो इसमें कोई परेशान होने की जरूरत नहीं है।

पेरेंटिंग के इन  कुछ तरीकों का  प्रयोग करके आप भी एक अच्छे अभिभावक साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं :

1. बच्चे ज्यादातर वही करते या कहते है जो वो अपने मातापिता या अभिभावकों को करते या कहते हुए देखते हैं ,इसलिय कोई भी नकारात्मक बात बच्चों के सामने भूलकर भी न करें आप  बच्चों के साथ हमेशा सकारात्मक रहें                                

2. बच्चों के साथ जितना हो सकें वक़्त बिताएं खेल एक ऐसी चीज है जो सभी बच्चों को पसंद होती है ,बच्चों के साथ जब भी वक़्त मिले खेल खेले और इस वक़्त उनके साथ बच्चा बनके ही खेलेंगे तो  इससे आपके और आपके बच्चों के बीच भावनात्मक लगाव बढ़ेगा।

इंडोर गेम्स की बजाय आउटडोर गेम्स ज्यादा खिलाएं इससे बच्चा अपने आसपास के परिवेश को अच्छे से समझेगा और उसे अच्छी या बुरी बातों के बारे में जानकारी होगी  

3. अगर बच्चा अपने दोस्तों के साथ या स्कूल में अनुचित व्यवहार कर रहा है, गुस्सा अधिक करता है तो इसका मतलब है उसे घर में प्यार से नहीं डांट फटकार से समझाया जाता है

बच्चों के साथ धैर्यपूर्वक व्यवहार रखें और बच्चों के सभी प्रश्नों का जवाब बिना किसी झुंझलाहट के दें। इससे एक तो वो आपको कोई भी बात बताने से डरेगा नहीं और आपकी अपने बच्चे से समझ बेहतर होगी।

4. अपने बच्चों के साथ समय बिताने के साथ ही ये जरूर ध्यान रखें कि आपकी कोई बुरी आदत उनके सामने न आये ,जैसे बच्चों के सामने कभी भी अपशब्द का प्रयोग न करें ,शराब सिगरेट आदि न पियें

बच्चों को अच्छी और बुरी आदतों से परिचित करवाएं। इससे आपके और बच्चों के बीच का रिश्ता और मजबूत होगा और आप अच्छे अभिभावक भी कहलाएंगे। 

5. अपने बच्चों को मोबाइल से जितना दूर रखेंगे उतना उनकी सेहत और विकास के लिए अच्छा होगा आप भी जितना हो उनके सामने फ़ोन से दूर रहेंगे तो उनकी उस और जिज्ञासा अपने आप कम होती जाएगी।

6. बच्चे को कभी भी हंसीमजाक में भी झूठ बोलने के लिए  प्रेरित न करें नहीं तो ये उनकी आदत बन जाएगी और वो आपसे झूठ बोलने लगेगा।

ये कुछ तथ्य है जिनको ध्यान में रखकर अपने बच्चे की परवरिश करेंगे तो जीवनभर आपके बच्चे आपसे मन से जुड़े रहेंगे

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