बार बार आप के मूड बदलने की वजह हो सकती है आप का सोने का समय
क्या आप का मूड भी बार बार बदलता रहता है और आप दिन भर उखड़े उखड़े या फिर चिड़चिड़े से रहते है और बार बार बिना मतलब भी गुस्सा आता हौ तो आप को इसे ले कर सजग होने के जरूरत है । आप के चिड़चिड़ेपन या मूड खराब रहने का जिम्मेदार आप का सोने का नियम हो सकता है । दरअसल जब सोने और जागने का समय एक नही होता तो इस वजह से भी लोगो मे मूड स्विंग यानी बार बार मूड बदलने के साथ कई सारी शारीरिक समस्याओं भी होने लग जाती है ।
अभी हाल में हुए एक शोध से पता चला है कि रात में जो लोग कम सोते है वो लोग किसी भी बात पर बहुत जल्दी परेसान होने लगते है । शोध में पाया गया कि जो लोग साथ मे कम सोते है उन लोगो मे डिप्रेशन, तनाव जैसे समस्याएं भी ज्यादा देखने को मिलती है । और तो और शोध से यह भी पता चला कि जो लोग अनिंद्रा के शिकार हसि उनलोगों में डिप्रेशन ज्यादातर देखने को मिलता है । लेकिन एक शोध में यह भी पाया गया है कि जो लोग डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं वो लोग सोते अधिक है और ज्यादा सोने का असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है ।
अगर आप को लगे कि आप का शरीर पहले की तुलना में अब ज्यादा सेन्सटीव या कमजोर लगता है तो आप को तुरंत अपने सोने की आदत की निगरानी रखने की जरूरत है । ज्यादा लंबे समय तक कम सोने के करण इंसान की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है और शरीर संवेदनशील हो जाता है । आप सब ने सुना ही होगा कि शरीर का एक अपना बायोलॉजिकल क्लॉक होता है यदि आप के सोचने और जागने का समय निर्धारित न हो तो यह बायोलॉजिकल क्लॉक प्रभावित होता है और फिर इससे शरीर का इंसुलिन प्रभावित हो जाता है ऐसे में डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है ।
यदि आप रात को कम सो रहे और सोच रहे दिन में सो कर नींद पूरी कर लेंगे तो सही नही है क्योंकि इससे बायोलॉजिकल क्लॉक पर असर पड़ता है और संतुलित बिगड़ जाता है । हमारा शरीर प्राकृतिक तौर से ही दिन और रात के हिसाब से अपना बायोलॉजिकल क्लॉक निर्धारित करता है और जब रात में नींद पूरी नही हो पाती तो इसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है ।