भाजपा के दिग्गज नेता अरुण जेटली का निधन
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का एम्स में दोपहर 12:07 पर निधन हो गया । अरुण जेटली 66 साल के थे उनका स्वास्थ्य काफी दिनों से ठीक नही था । 9 अगस्त को सांस लेने में दिक्कत के चलते अरुण जेटली को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था । स्वास्थ कारणों के चलते ही जेटली ने इस बार लोकसभा का चुनाव नही लड़ा था और राजनीति से एक दूरी सी बना लिए थे । अरुण जेटली के निधन पर सोशल मीडिया भी गमगीन हो गया है और लोग उन्हें श्रद्धांजलि दी रहे है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर के कहा कि उन्होंने एक मूल्यवान दोस्त खो दिया ।
अरुण जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री थे और कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय के साथ साथ उन्होंने रक्षा मंत्री का भी कार्यभार सम्हाला था । पिछले साल कुछ समय के लिए अरुण जेटली वित्त मंत्री नही रहे तो उनकी जगह पर उस समय रेल मंत्री रहे पियूष गोयल को कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था बाद में अरुण जेटली को फिर से वित्त मंत्री बन दिया गया था । अरुण जेटली के समय ही जीएसटी को देश भर में लागू करने और 2018 में ही 500 और 1000 की नोटबंदी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।
अरुण जेटली को जनवरी 2019 में फेफड़े में सॉफ्ट टिशू मिले थे जिससे उनका स्वास्थ्य लगातार जिर्त जा रहा था और न्यूयॉर्क के डॉक्टरों ने उन्हें आइसोलेशन की सलाह दी थी जिसके बाद उन्होंने रिश्तेदारों, परिजनों और करीबियों को छोड़ कर बाकी सभी से दूरी बना ली थी । अरुण जेटली की स्कूली शिक्षा सेंटजेवियर्स स्कूल दिल्ली से और श्री राम कॉलेज से कॉमर्स से स्नातक हुआ था और उसके बाद वकालत को पढ़ाई की । अरुण जेटली छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे थे और उनका राजनीति जीवन जन संघ की राजनीति से शुरु हुआ था । अरुण जेटली को एक बेटा रोहन और एक बेटी सोनाली है ।
अरुण जेटली पेशे से वकील थे और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के प्रतिष्ठित वकील थे । अरुण जेटली 37 साल की उम्र में भारत सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाये गए थे और पहली बार वाजपेयी सरकार में सूचना एवं राज्य मंत्री बनाये गए थे । अरुण जेटली एक ऐसे नेता थे जिन्होंने लोकसभा का चुनाव कभी नही जीता । अरुण जेटली उत्तर प्रदेश से 4 बार राज्यसभा के सदस्य बने थे, पहली बार वर्ष 2000 में राज्य सभा के सदस्य चुने गए थे ।