भारत के जेम्स बांड अजीत डोभाल !!

ADVERTISEMENT

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को भारत का जेम्स बांड कहा जा रहा है । अजीत डोभाल भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी रह चुके हैं । इसके अलावा इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के पूर्व निर्देशक भी रह चुके हैं ।

अजीत डोभाल भारत के पाँचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं । अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान ही बनाया गया था । अजीत डोभाल पहले पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें  शांति काल के सर्वोच्च सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा चुका है ।

ADVERTISEMENT

अजीत डोभाल की जिंदगी  जासूसी फ़िल्म या टीवी सीरियल में दिखाए जाने वाले जासूसी किरदारों के जैसे ही है , जो अपने ऑपरेशन और कामों पर अपनी छाप छोड़ता है ।

कई बार ऐसा भी हुआ है जब अजीत डोभाल का सामना सीधे मौत से हुआ है । अजीत डोभाल ने पाकिस्तान में अंडरकवर एजेंट के तौर पर सात साल तक काम किए हैं । इस दौरान उन्होंने कई स्थानीय लोगों से दोस्ती कर ली ।

एक बार एक व्यक्ति ने उन्हें पहचान लिया था और इस बात को अजीत डोभाल ने खुद ही कई बार बताया है । दरअसल हिंदू रीति रिवाज के अनुसार सभी बच्चों का कान छेदा जाता है ।

इस वजह से डोभाल के कान में छेद था और एक बार एक मस्जिद के बाहर एक फकीर ने उन्हें पहचान लिया था ।

पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ एक ऑपरेशन ब्लैक थंडर के ठीक पहले अजित डोभाल एक रिक्शेवाले का हुलिया बना कर स्वर्ण मंदिर के अंदर चले गए थे ।

जहां पर उन्होंने काफी जानकारियां हासिल की थी और यह भी मालूम कर लिया था कि स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का सहयोग मिल रहा था ।

आइये जानते हैं अजीत डोभाल के जेम्स बांड वाले कारनामें : –

  • ऑपरेशन ब्लैक थंडर 1980 के दशक में हुआ था । पंजाब की हालत बहुत खराब थी और एक नाजुक दौर से गुजर रही थी । उस वक्त अजीत डोभाल पंजाब गए थे और पंजाब में ब्लैक थंडर ऑपरेशन चलाया था और स्वर्ण मंदिर में छुपे आतंकवादियों के संबंध में जानकारी हासिल की थी ।
  • अजीत डोभाल को कीर्ति चक्र मिला है । मालूम हो कि सेना के बाहर के लोगों को कीर्ति चक्र नहीं दिया जाता है क्योंकि सेना में कीर्ति चक्र बहुत बड़ा पुरस्कार माना जाता है । लेकिन अजीत डोभाल ऐसे अकेले पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें कीर्ति चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है ।
  • कंधार विमान अपहरण में मुख्य वार्ताकार की भूमिका में थे अजित डोभाल । अजीत डोभाल 1999 में  इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण कर लिया गया था और कंधार ले जाया गया था । इस दौरान अजीत डोभाल मुख्य वार्ताकार नियुक्त किए गए थे ।
  • अजीत डोभाल ने अपनी सूझबूझ से ही कश्मीर के सबसे खतरनाक अलगाववादी कूका पारे को काउंटर इंसर्जेंट बनने के लिए मना लिया था ।
  • जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जम्मू कश्मीर में सोपियो में लोगों से मुलाकात करने के साथ ही उनके साथ खाना भी खाया और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते नजर आए थे ।
ADVERTISEMENT

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *