भारत में 2020 में कोरोना से हुई मौतों से ज्यादा लोगों ने की आत्महत्या, आंकड़े चौंकाने वाले
स्वास्थ्य का अर्थ केवल स्वस्थ शरीर ही नहीं, बल्कि अच्छा मानसिक स्वास्थ्य भी है। कोरोना वायरस महामारी के दौर में वे लोग जो अपने दिमाग को मजबूत बनाना जानते हैं, लेकिन जिनके दिमाग कमजोर हैं, वे आसानी से कोई भी लड़ाई हार जाते हैं। वे या तो थक जाते हैं या हार मान लेते हैं।
कोरोना से ज्यादा आत्महत्या से मौत
पिछले साल, उदाहरण के लिए, भारत में कोरोनावायरस से होने वाली मौतों की तुलना में अधिक आत्महत्याएं हुईं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नए आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2020 में 1 लाख 53 हजार लोगों ने आत्महत्या की, जबकि 2020 में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1 लाख 49,000 थी। पिछले 10 वर्षों की तुलना में पिछले साल भारत में आत्महत्या की संख्या सबसे अधिक है।
अधिकतर मजदूरों ने की आत्महत्या
आत्महत्या करने वालों में मजदूर नंबर एक थे, जिनकी जिंदगी लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। पिछले साल 37 हजार 666 मजदूरों ने आत्महत्या की थी। आत्महत्या करने वाले दूसरे स्थान पर थे जिन्हें पहले से ही एक गंभीर बीमारी थी, इन लोगों की संख्या 27,000 से अधिक है।
महिलाओं से ज्यादा पुरुष करते हैं आत्महत्या
आत्महत्या करने वालों में 71 फीसदी पुरुष थे, यानी पिछले एक साल में महिलाओं से ज्यादा पुरुषों ने आत्महत्या की, लेकिन आत्महत्या करने वाली महिलाओं में 50 फीसदी घर का काम करने वाली यानि काम न करने वाली महिलाएं थीं। आत्महत्या करने वालों में 12.5,000 छात्र और 10,000 किसान शामिल थे।
बेरोजगारों से ज्यादा कारोबारियों या कामगारों ने आत्महत्या की है
हैरानी की बात यह है कि पिछले एक साल में आत्महत्या करने वाले बेरोजगारों की तुलना में अधिक लोग थे, जिनके पास या तो खुद की नौकरी थी या जो पहले कार्यरत थे।
इसके अलावा बीते एक साल में कई हस्तियों ने आत्महत्या भी की है, जिसमें अभिनेता का सबसे बड़ा नाम सुशांत सिंह राजपूत है, और पिछले एक साल में कई अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने आत्महत्या भी की है।
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