माइग्रेन की पहचान कर करे ये उपाय मिलेगी राहत
आजकल बहुत सारे लोगो मे माइग्रेन की समस्या देखने को मिलती है ज्यादातर इसमे आधे सर में दर्द होता है पर कभी कभी पूरे सर में भी दर्द माइग्रेन के लक्षण हो सकते है । माइग्रेन के दर्द एक दो घंटे से ले कर बहत्तर घंटे तक बना रहा सकता है । दरअसल जब मस्तिष्क में न्यूरोकेमिकल और सेरोटोनिन जैसे रसायनों में असंतुलन बनाने पर माइग्रेन की समस्या हो जाती है । जब न्यूरोकेमिकल का बहाव मस्तिष्क के बाहरी हिस्से में होने लगता है तो माइग्रेन के दर्द होता है, और न्यूरोकेमिकल मस्तिष्क के बाहरी हिस्से में तब बहता है जब सेरोटोनिन नामक रसायन का स्तर कम हो जाता है ।
माइग्रेन के कई कारण हो सकते है यह जेनेटिक भी होता है यानी यदि परिवार में किसी को माइग्रेन की समस्या है तो आने वाली पीढ़ी को भी यह समस्या हो सकती है । कभी कभी शरीर मे बदलाव के कारण भी माइग्रेन हो जाता है । महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है । मासिक धर्म, गर्भावस्था या मोनोपॉज में महिलाओं में सर दर्द की समस्या देखने को मिलती है ।
एलोपेथी की दवाओं, गर्भनिरोधक गोलियां की वजह से, तेज रोशनी, शोर शराबा, संवेदनशील उत्तेजना की वजह से भी माइग्रेन की बीमारी हो सकती है । माइग्रेन की पहचान ऑरा जो कि दृश्य संबंधित है जिसमे रोगी हो रहा रह कर डेढ़ी लाइन, रोशनी की चमकदार लाइन,आंख के सामने काले घब्बे दिखते हैं या फिर सर में तेज दर्द होता है । ऐसे में सर दर्द के साथ मूत्र त्याग, दिन भर उबासी, या खाने की इच्छा का बढ़ना या आँख में दर्द हो सकता है ।
माइग्रेन में मिचली उल्टी की समस्या हो सकती है । तेज सर दर्द में अदरक का टुकड़ा खाया जा सकता है इससे मिचली से राहत मिलती है । सर दर्द वाली जगह पर पिपरमिंट का तेल भी लगाया जा सकता है इसके अलावा प्राकृतिक चिकित्सा में कुछ दिन नाक से भाप लेने से भी माइग्रेन ठीक हो जाता है । माइग्रेन में योगा करने से भी राहत मिलती है । आयुर्वेदिक चिकित्सा से भी राहत मिलती है लेकिन यदि राहत न हो ज्यादा परेशानी हो तो डॉक्टर को दिखा के डॉक्टर के बताए अनुसार इलाज करना चाहिए ।