मेरी दोस्त में मेरी खुशी सकून है
फ्रेंडशिप डे हमेशा अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है । इसको मनाने की शुरुआत पश्चिमी देशों से हुई पर अब भारत मे भी इसको मनाने का प्रचलन शुरू हो गया है । वैसे आज के इस व्यस्त लाइफ स्टाइल में काफी हद तक ऐसे फ्रेंडशिप डे, फादर्स डे मनाना कभी कभी रिश्तों की गर्माहट बनाये रखने के लिए जरूरी भी हो जा रहा है । माँ बाप भाई बहन का रिश्ता हमे जन्म से मिलता है लेकिन दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जो हम खुद अपनी पसंद से बनाते हैं ।
दोस्त ही मन का बनाया हुआ रिश्ता होता है । आज सोशल मीडिया के जमाने मे लोगो के सैकड़ो हजारो दोस्त होते हैं पर ज्यादा तर सिर्फ नाम के कहने या होते है । सच्चा दोस्त एक दो ही हो सकता है और वो लोग खुशनसीब वाले है जिनके पास सच्चा दोस्त हो जो हर अच्छे बुरे वक्त में साथ दे समझे और समझाये जो जिंदगी के हर मोड़ पर साथ दे । आज के जमाने मे हर कोई चाहता है कि कोई उसका अच्छा दोस्त हो जो उसे समझे और हमेशा साथ दे बहुत केअर करे और साथ दे किसी भी बात का बुरा न मानें जैसी तमाम खूबियां अपने दोस्त में हर कोई चाहता है पर हर किसी को ऐसा दोस्त मिलता नही है ।
लोग चाहते तो है तमाम अच्छी खूबियां उनके दोस्त में हो पर खुद क्या है इस बात पर शायद ही कोई ध्यान देता है । एक अच्छा सच्चा दोस्त पाना आसान है और नही भी । अच्छा दोस्त पाने का सिर्फ एक ही सीधा रास्ता है बिना किसी उम्मीद के जैसे हम खुद का दोस्त चाहते है, वो तमाम खूबियां जो हम अपने दोस्त में चाहते है हम खुद अपने दोस्त के लिए बन जाये । दोस्ती करना बहुत आसान होता है असली दोस्ती तो दोस्ती निभाना होता है ।
दोस्ती का रिश्ता विश्वास और सच्चाई के दम पर बना हो तो वो हमेशा रहता है । कई सारे अध्ययनों से साबित हुआ है कि जिनके पास ज्यादा दोस्त होते हैं वो इंसान खुश रहता है और जो दोस्ती कम से कम सात सालों तक रह जाये तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि वो दोस्ती जिंदगी भर चलेगी । दोस्तों से जिंदगी होती है, दोस्त से ही जिंदगी में खुशियां और सकून होता है तो दोस्ती आज कोशिश ये की जाए कि किसी का सच्चा दोस्त बन जाते ।