राज्य सभा मे पेश हुए अनुच्छेद 370 हटाने का बिल
गृहमंत्री अमित शाह में राज्य सभा मे जम्मू कश्मीर को के लिए विशेष प्रावधान देने वाले अनुच्छेद 370 को पेश किया । सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया जा रहा है । नए संशोधन के बाद जम्मू कश्मीर में भी भारतीय संविधान लागू हो जाएगा और अब जम्मू कश्मीर में भी तिरंगा झंडा फहराया जाएगा । वही विपक्ष में इस विल का विरोध भी किया । इस पर गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि यह कोई पहली बार नही हो रहा इसके पहले भी 1952 और 1962 में कांग्रेस ने ऐसे संशोधन बिल पास करवा के अनुच्छेद 370 में संशोधन किया है ।
अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग अलग केन्द्र शासित प्रदेश बन गए है । इस पर लद्दाख से भाजपा सांसद जामयिंग त्सिरिंग नामग्याल ने कहा “ लद्दाख में मैं सभी की ओर से इस विधेयक का स्वागत करता हूं यहाँ के लोग क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बनाना चाहते थे , लद्दाख के लोग चाहते थे कि इस क्षेत्र को कश्मीर के प्रभुत्व और भेदभाव से मुक्त किया जाए जो आज हो रहा है” । राज्य सभा के सभापित वैकेंया नायडू ने पीडीपी के नेता नाजिर अहमद और मिर फैयाज को सदन से बाहर जाने को कहा था क्योंकि उन्होंने सदन में संविधान की प्रति फाड़ने की कोशिश की थी ।
अब जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छिन गया अब जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश हो गया है । राष्ट्रपति कोविंद के हस्ताक्षर के बाद अनुच्छेद 370 के सारे खंड समाप्त कर सिर्फ एक खंड कर दिया गया । जम्मू कश्मीर में कई क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दिया गया है और स्कूल और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है । अनुच्छेद 370 के के प्रावधान जम्मू कश्मीर में 1956 से लागू हुए थे जो जम्मू कश्मीर की सरकार और वहाँ के के नागरिकों को कुछ विशेष सुविधाएं देती है अन्य राज्यों में नही है । मालूम हो कि जम्मू कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता है एक जम्मू कश्मीर की दूसरी भारत की और जम्मू कश्मीर का अपना झंडा भी है इस अनुच्छेद 370 के समाप्त होने से ये दोहरी नागरिकता और राज्य का झंडा समाप्त हो जाएगा ।
अभी तक जम्मू कश्मीर में भारत के झंडे या प्रतीक चिन्हों के अपमान को अपराध नही माना जाता है लेकिन 370 के समाप्त होने से भारत के अन्य राज्यो की तरह इसको अपराध माना जायेगा । अभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश जम्मू कश्मीर में मान्य नही होते बाद में वहां के नागरिकों को भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश मनाने होंगे ।