रेत पर कला का प्रदर्शन करने वाले सुदर्शन पटनायक को पीपल्स चॉइस अवॉर्ड
फिसलती रेत पर अपनी कला को प्रदर्शित करने वालों सुदर्शन पटनायक से हम में से ज्यादातर लोग परिचित होंगे । सुदर्शन पटनायक को अमेरिका में सेंड स्कल्पटिंग फ़ेस्टिवल में पीपल्स चॉइस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है ।
सेंड स्कल्पटिंग प्रतियोगिता 2019 को मैसाचुएट्स के बोस्टन में विवीर बीच पर आयोजित किया गया, जिसमें हिस्सा लेने के लिए दुनिया भर से 15 शीर्ष कलाकारों को चुना गया था, जिसमें भारत के रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक भी शामिल थे ।
इस महोत्सव में सुदर्शन पटनायक ने समूचे एशिया का प्रतिनिधित्व किया था । इस प्रतियोगिता में सुदर्शन पटनायक ने अपनी रेत कला–कृति “प्लास्टिक प्रदूषण रोको, महासागरों को बचाओ” के जरिए दर्शकों का दिल लिया, साथ ही साथ उन्होंने महासागरों के प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक भी किया ।
फोन पर बातचीत में पटनायक ने बताया कि अमेरिका में उनके लिए यह एक बड़ा पुरस्कार और सम्मान के है । उन्होंने यह भी कहा कि यह पुरस्कार भारत के लिए है ।
भारत प्लास्टिक से निजात पाने के लिए कई सारे कदम उठा रहा है । उन्होंने बताया कि प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को रेखांकित करने वाली उनकी कलाकृति के लिए हजारों लोगों ने उन्हें वोट किया जो इस बात का भी गवाह है कि लोगों को महासागरों में होने वाले प्रदूषण की चिंता है ।
सुदर्शन पटनायक ने अपनी कलाकृति में प्लास्टिक बैग में फंसे कछुए और मछली के पेट में फंसे चप्पल, बोतल इत्यादि को दिखाया था ।
कलाकृति के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया था कि प्लास्टिक से इंसान के साथ साथ समुद्री जीव भी प्रभावित हो रहे हैं । सुदर्शन पटनायक भारत के ओड़ीसा के रहने वाले हैं ।
उनको कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था सुदर्शन पटनायक रेत से कलाकृतियां बनाते हैं ।
दुनिया भर के पर्यटक ओडिशा के पुरी के समुद्र तट पर रेत की आकृतियाँ वाले इस कलाकार और उसकी कलाकृतियों को देखने के लिए आते हैं ।
सुदर्शन पटनायक की कलाकृतियां मानव सभ्यता के लिए खतरा माने जाने वाले विषयों पर आधारित होती हैं चाहे वह आतंकवाद या फिर जलवायु परिवर्तन के खतरे ।
रेत के माध्यम से भावनाओं की सशक्त अभिव्यक्ति का सफल प्रयास करने वाले पटनायक कहने को तो महाप्रभु जगन्नाथ की नगरी में रहते हैं और कहते हैं कि उन्हें सदैव महाप्रभु से रेत कला दुनिया भर में पहुंचने की प्रेरणा मिलती है । सुदर्शन पटनायक को भारत में रेत की कला का जनक माना जाता है ।