रेलवे बनाएगा प्लास्टिक बोतलों से टी-शर्ट और टोपी
दक्षिणी मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि रेलवे स्टेशनों पर पानी और कोल्डड्रिंक की खाली बोतलें वेडिंग मशीन के जरिए ली जाएगी और इसके बदले ₹5 दिए जाएंगे ।
इन बोतलों को वेंडिंग मशीन के जरिए क्रैश करके टी–शर्ट और टोपी बनाया जाएगा जिसे हर मौसम में पहना जा सकेगा । इन बोतलों को पहले लिक्विड के रूप में बनाया जाएगा और उसके बाद उससे रेशम से धागा बनाया जाए ।
उन्होंने बताया कि ऐसे प्लास्टिक की बोतलों से बनी टी–शर्ट की प्रदर्शनी झारखंड की राजधानी राँची में लड़ाई गई थी ।अगर रेलवे का यह प्रयास कामयाब रहा तो जल्द ही बाजारों में प्लास्टिक से बनी टोपी और टी–शर्ट देखने को मिलेगी ।
यह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक प्रभावी कदम बताया जा रहा है । अक्सर होता है कि ट्रेन में सफर के दौरान खरीदी जाने वाली पानी या कोल्डड्रिंक की प्लास्टिक बोतलों को सफर खत्म होने पर उन्हें तोड़कर कूड़ेदान में डाल दिया जाता है।
और बहुत से यात्री ट्रेन में भी छोड़ देते हैं या फिर इन्हें इधर–उधर प्लेटफॉर्म या तो पटरियों पर फेक देते हैं जो नालों और सीवेज को चोक कर देते हैं और इन प्लास्टिक की बोतलों से प्रदूषण भी काफी ज्यादा होता है ।
अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है जिससे स्टेशनों को साफ सुथरा रखने में मदद मिलेगी तथा पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा ।
रेलवे ने यह भी बताया कि भारत में प्रत्येक दिन प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की औसत खपत लगभग 8 किलो है जिसमे रेल पानी की बोतल का योगदान 5% है ।
सीआरपीओ ने बताया कि यात्रियों को खाली बोतल के लिए रेलवे की एजेंसी बायो क्रश की ओर से वाउचर के रूप में ₹5 दिए जाएंगे और कुछ चुनिंदा दुकानों और मॉलों में खरीदारी करने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है ।
वेडिंग मशीन में प्लास्टिक की बोतल के दो डालने के बाद यात्री अपना मोबाइल नंबर डालेंगे तो उनके मोबाइल पर बाउचर मिल जाएगा ।
रेलवे इससे पहले भी प्लास्टिक की खाली बोतलों को खरीदकर उनसे मखमली कालीन बनाने का काम शुरू कर चुका है । फिलहाल पूर्व मध्य रेलवे ने अपने चार प्रमुख स्टेशन से इस योजना की शुरुआत की है ।
रेलवे की योजना प्रथम चरण में 2000 स्टेशनों पर वेटिंग मशीन लगाने की है जिसके जरिए पानी और कोल्ड ड्रिंक आदि की बोतलों को क्रैश किया जाएगा ।
दिल्ली के कनॉट प्लेस में भी इस तरह की 6 वेडिंग मशीन लगाई जा चुके हैं जो काफी हद तक सफल है क्योंकि आम जनता इस योजना में काफी दिलचस्पी दिखा रही है ।
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह की योजनाओं से पर्यावरण को काफी फायदा पहुँचेगा तथा प्रदूषण में कमी आएगी । रेलवे द्वारा किया गया यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा काफी फ़ायदेमंद हो सकता है । कचरे का बेहतर इस्तेमाल कर आर्थिक लाभ तो होगा ही साथ–साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी ।