विदिशा मिस डेफ वर्ल्ड 2019 का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय
मिस डेफ वर्ल्ड प्रतियोगिता का आयोजन बधिर लोगों के लिए 2001 में शुरू हुआ था । इंटरनेशनल साइन लैंग्वेज इस प्रतियोगिता की आधिकारिक भाषा है । इस बार भारत की विदिशा ने मिस वर्ल्ड 2019 का खिताब अपने नाम किया है । विदिशा उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फरनगर जिले की रहने वाली हैं और इस प्रतियोगिता को जीतने वाली पहली भारतीय हैं । इस वर्ष इस प्रतियोगिता का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में किया गया था, जहां पर 23 वर्षीय विदिशा ने सुंदरता का ताज अपने नाम किया है । मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के फाइनल दौर में 11 देशों के 16 प्रतिभागियों ने भाग लिया था । इसमे विदिशा को जीत हासिल हुई तथा दक्षिण अफ्रीका की एक प्रतियोगी को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ । ज्ञात हो कि विदिशा बचपन से ही श्रवण बाधित हैं । वर्तमान में विदिशा एशियन एकेडमी आफ फिल्म एंड टेलीविज़न की मॉडलिंग स्टूडेंट है ।
कहते हैं कि इंसान चाह तो वह कुछ भी मुमकिन बना सकता है अगर आपका हौसला बुलंद है तो सारी मुश्किलें आसान हो जाती हैं और यही कारनामा विदिशा ने भी कर दिखाया । ज्ञात हो कि विदिशा एक टेनिस खिलाड़ी रह चुकी हैं, उन्होंने डेफओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था । विदिशा को पीठ में चोट लगने के चलते टेनिस छोड़ने का फैसला करना पड़ा । टेनिस से अलग होने के बाद विदिशा ने ब्यूटी पेजेंट में भाग लेने का फैसला किया था, जिसमें उन्हें अपने परिवार की अलावा पैरा ओलंपिक दीपा मलिक और उनकी बेटी देविका से काफी मदद मिली । देविका व्हीलिंग हैप्पीनेस फाउंडेशन की सह संस्थापक है ।
विदिशा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखते हुए अपनी यात्रा को साझा किया है, उन्होंने कहा – “मिस डेफ वर्ल्ड के रूप में ताज पहनाए जाने का पल मुझे जीवन भर याद आएगा, यह जीत मेरे लिए कई कारणों से खास थी, श्रवण बाधित बच्चे के रूप में मैंने दरवाजे की घंटी ना सुनने से लेकर लोगों द्वारा नजरअंदाज किए जाने तक सब देखा है, लेकिन एक टेनिस खिलाड़ी के रूप में मेरे टेनिस खेल कैरियर ने मुझे काफी कुछ दिया मैंने सेफओलंपिक में पांचवी रैंक हासिल की, टेनिस मेरे लिए उतना ही महत्वपूर्ण थी जितनी कि मेरे लिए साँसे लेना । लेकिन इसके बाद मेरे जीवन में एक गहरा झटका लगा, गंभीर बैक इंजरी ने मेरी आशाओं को खंडित कर दिया था, जीने का कोई कारण नहीं था । लेकिन मेरे परिवार ने मुझे जो ताकत दी है उसके चलते मैंने हार नहीं मानी और समय के साथ मुझे एक और तरीका दिखा मिस डेफ इंडिया । ब्यूटी और फैशन की दुनिया के लिए मैं एक नौसिखिया थी लेकिन मैंने सीखा कि खिताब जीतने के लिए किस चीज की जरूरत होती है । मेरे पास एक क्वालिटी है अगर मैं किसी चीज के लिए अपना दिमाग लगाती हूं तो मैं समय और एफर्ट नहीं देखती हूं । मैं इसे पूरा करती हूं चाहे वह डांस, बास्केटबॉल, तैराकी, टेनिस या योगा हो मैं कभी भी अपने प्रयास में सुस्त नहीं पड़ती ।”
इस मिस डेफवर्ल्ड प्रतियोगिता में विदिशा ने भगवान शिव के तांडव पर परफॉर्म किया था । विदिशा के मिस डेफइंडिया बनने के सफर में व्हीलिंग हैप्पीनेस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । व्हीलिंग हैप्पीनेस एक ऐसा एनजीओ है जो विकलांग लोगों को सशक्त बनाने का काम करता है ।