वैज्ञानिकों ने बनाया इंसानी नाखून से भी दस लाख गुना पतला सोना
वैज्ञानिकों ने इंसानी नाखून से भी दस लाख गुना पतला सोना तैयार किया है । यह दुनिया का सबसे पतला सोना कहा जा रहा है । इस सोने का प्रयोग चिकित्सा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में खासतौर से प्रयोग किया जाएगा । यह सोना केवल दो अणुओं के परत के बराबर है । ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ लिड्स के अनुसार अनुसंधानकर्ताओं ने इस सोने की मोटाई 0.47 नैनोमीटर माफी है । यह 2ड़ी है और एक के ऊपर एक अणु को रखकर कर बनाया गया है ।
इस सोने का प्रयोग कैंसर के इलाज में भी किया जा सकेगा । वैज्ञानिकों के अनुसार इससे चिकित्सीय उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में नए प्रयोग के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा । और साथ ही इसका इस्तेमा रासायनिक प्रक्रिया में उत्प्रेरक के रूप में भी किया जा सकता है क्योंकि प्रयोगशाला में हुए परीक्षणों से यह ज्ञात हुआ है कि वर्तमान में इस्तेमाल होने वाले स्वर्ण नैनो कणों की तुलना में यह बारीक सोने की परत अधिक प्रभावकारी उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है । यूनिवर्सिटी ऑफ लिड्स के वैज्ञानिक का मानना है कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है ।
सोना बहुत ही लचीली धातु है और यह एक मात्र ऐसी धातु है जिसका रंग पीला होता है । अब तक का सबसे बड़ा कच्चे सोने का टुकड़ा ऑस्ट्रेलिया में खोजा गया था इसे 1869 में खोजा गया था और इसे ‘वेलकम स्ट्रेंजर’ नाम नाम दिया गया था । यह जमीन से मात्र 2 इंच नीचे पाया गया था और इस टुकड़े से लगभग 71 किलो सोना प्राप्त हुआ था । एक अध्ययन के मुताबिक अभी भी पृथ्वी के कुल सोने का 80 फ़ीसदी हिस्सा जमीन के अंदर है । सोना इतना लचीला होता है कि मात्र 28 ग्राम सोने से 8 किलोमीटर लंबी एक बहुत ही बारीक तार बनाया जा सकता है ।