शस्त्रो की होड़ मे एक बार फिर शामिल हो रहे रूस और अमेरिका
माध्यम दूरी परमाणु संधि से हटने के बाद पहली बार पारंपरिक रूप से अमेरिका ने कॉन्फ़िगर एक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है । इस बात की पुष्टि करते हुये पेंटागन ने कहा कि 5000 किलोमीटर से अधिक रेंज वाली मिसाइल का परीक्षण किया गया है । इस परीक्षण के परिणाम दूरगामी होंगे तो स्वाभाविक है कि दुनिया मे फिर से शस्त्रो की होड़ शुरू हो जाये । कुछ लोग इसे एक नए शीत युद्ध की तरफ इशारा भी कह रहे । सोमवार को पेंटागन ने बताया कि परीक्षण कैलिफ़ोर्निया के सैन्य निकोलस से किया गया इसको धरती की सतह से लॉन्च किया गया है ।
जानकारी के मुताबिक इस मिसाइल की मारक क्षमता 5000 किलोमीटर दूर तक की है और अमेरिका ने दावा किया कि यह परीक्षण सफल रहा और निर्धारित समय और दूरी में यह अपने लक्ष्य को पाने में सफल रहा । मालूम हो की अमेरिका ने दो अगस्त को रूस के साथ हुई मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि से खुद को अलग करने का फैसला किया था और इसके अगले ही दिन रूस ने भी संधि से अलग होने की घोषणा कर दिया था ।
अमेरिका ने रूस पर आरोप लगाया था कि रूस संधि का उल्लंघन करता है ऐसे में अमेरिका इस संधि का पालन नही करेगा । अमेरिका ने कहा कि वो जमीन से मार करने वाली मिसाइलों का परीक्षण और निर्माण करेगा । आज से तीस साल पहले 8 दिसम्बर 1989 को विश्व की दो महाशक्ति ने एक नए दौर की शुरुआत की थी । उस दिन संयुक्त राज्य अमेरिका और उस समय के सोवियत संघ ने मध्यम दूरी के परमाणु प्रक्षेपास्त्रों को समाप्त करने के लिए परमाणु शक्ति संधि पर हस्ताक्षर किए थे और शीत युद्ध को समाप्त करने का आश्वासन मिला था । विनाशकारी शस्त्रो की होड़ को ब्रेक लगाने के लिए दोनों देश ने साथ मे प्रयास किया थे । दोनो देशों ने जमीन से मार करने वाली मिसाइल के निर्माण पर रोक लगाई थी ।
यह संधि सोवियत रूस के नेता मिसाइल गोबरचोव और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति रीगन के बीच हुई थी । एक लिए दोनों देशों के मध्य छह साल तक विचार विमर्श हुआ था तब जा के दोनों देश परमाणु संधि पर राजी हुए थे । अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में पिछले साल कहा था कि चीन जिस प्रकार से अपनी मिसाइल क्षमता बढ़ा रहा है उससे अमेरिकी हितों को खतरा है । इसी रिपोर्ट के बाद अमेरिका ने इस संधि से खुद को अलग करने का फैसला कर लिया था ।