संयुक्त राष्ट्र ने नियंत्रण रेखा पर संयम बरतने को बोला
एक तरफ जहां जम्मू कश्मीर को विशेष सुविधाएँ प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A को समाप्त करने वाले बिल को लोकसभा में पेश किया गया है और हाल में जम्मू कश्मीर में हलचल के बढ गई है वही दूसरी तरफ पाकिस्तान की बेचैनी भी बढ़ गई है । जम्मू कश्मीर में हलचल बढ़ जाने के बाद भारत–पाकिस्तान के बीच एक तनाव की स्थिति जैसे बन रही है ।
इस पर संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक समूह ने एक रिपोर्ट में कहा दोनों देशों को नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखना चाहिए । संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक समूह की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को नियंत्रण रेखा पर संयम बरतना चाहिए दोनों देशों की सैन्य गतिविधियों में वृद्धि हुई है ।
मालूम हो कि जम्मू कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की निगरानी करने के लिए 1949 में संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया था लेकिन एलओसी पर संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षकों को निगरानी करने की अनुमति भारत सरकार नहीं देती है लेकिन पाकिस्तान इसकी अनुमति देता है । वहीं भारत पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनज़र पाकिस्तानी संसदीय समिति की आज एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा किए जाने की संभावना है । स्थिति के मद्देनजर जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती उमर उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया था और जम्मू कश्मीर के कई क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है इसके साथ साथ इंटरनेट सेवाओं सहित कई संचार सुविधाओं में कटौती की गई है । हालांकि ऐसा सुरक्षा के मद्देनजर फैसला लिया गया ।
अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A को समाप्त करने संबंधी संशोधन बिल राज्यसभा में पास हो गया है और गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जैसे ही स्थितियां सामान्य हो जाती हैं ,जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा I जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो अलग अलग केंद्र शासित राज्य बना दिया जाए ।