सऊदी अरब में तेल कंपनी पर हुए ड्रोन हमले का क्या होगा असर
सऊदी अरब की दो तेल संयंत्र पर ड्रोन हमला हुआ है जिससे तेल उत्पादन प्रभावित हुआ है । अरामको सऊदी अरब की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी है और इसके दो तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले के बाद कंपनी ने वहां तेल का उत्पादन फिलहाल बंद कर दिया है और रिपोर्ट के मुताबिक ड्रोन हमले के बाद इस कंपनी के तेल और गैस उत्पादन में लगभग 50 फ़ीसदी तक की कमी आई है । सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेंसी रायटर्स ऑफ वॉल स्ट्रीट के लेख के अनुसार सऊदी अरब के उर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल्ला बिल सलमान में जानकारी दी है कि ड्रोन हमले की वजह से 57 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है और अब मात्र आधा ही उत्पादन हो पा रहा है ।
इस बात से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्पादन के आधा हो जाने से इसका असर भारत और दुनिया भर में देखने को मिलेगा । सऊदी अरब के उर्जा मंत्री ने अपने बयान में बताया कि ड्रोन हमले की वजह से अरामको के अब कैक और फ़र्स्ट संयंत्र से उत्पादन बंद कर दिया गया है और इन संयंत्रों को पुनः चालू करने के लिए काम शुरू हो गया है लेकिन इनसे उत्पादन शुरू होने में अभी वक्त लगेगा । सऊदी अरब के तेल संयंत्र पर हुए हमले की जिम्मेदारी यमन में ईरान से जुड़े हूती विद्रोहियों ने ली है और चेतावनी दी है कि भविष्य में सऊदी अरब पर और भी हमले किए जा सकते हैं । मालूम हो कि हूती विद्रोह काफी समय से सऊदी अरब और यमन सरकार के खिलाफ अपना युद्ध अभियान छेड़े हुए हैं ।
पिछले महीने हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के गैस संयंत्र पर भी ड्रोन हमला किया था और इसके अलावा इसके पहले भी सऊदी अरब की कई तेल कंपनियों को भी निशाना बना चुका है । हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी साना पर पूरी तरीके से कब्जा कर लिया है वहीं विरोध में सऊदी अरब की सेना में लगातार यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकाने पर हवाई हमला करता रहता है और बदले में हूती विद्रोही सऊदी अरब पर मिसाइल दागते रहते हैं या फिर ड्रोन हमला करते हैं । हूती विद्रोहियों को ईरान के द्वारा समर्थन भी मिल रहा है ।
सऊदी अरब के तेल संयंत्र पर हुए ड्रोन हमले के बाद ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि दुनिया भर में तेल कीमतों में वृद्धि देखने को मिलेगी और इसका असर सबसे ज्यादा उन देशों को पड़ेगा जो सऊदी अरब से सीधे तेल का आयात करते हैं । सऊदी अरब दूसरा सबसे बड़ा ऐसा देश है जिससे भारत सबसे ज्यादा तेल का आयात करता है । इस वजह से ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में भारत में भी तेल की कीमतों में इजाफा होगा ।