समय बलवान होता है
अच्छा हो या बुरा शास्त्रों में सच ही लिखा है कि वक्त बहुत बलवान होता है अच्छे से अच्छे को वक्त आने, अपना रूप दिखा ही देता है। उस वक्त धनवान व्यक्ति भी स्वास् रहित हो जाता है।
जब वक्त बलवान होता है तो विद्वान व्यक्ति भी धराशाही हो जाता है वक्त के सामने अच्छाई और बुराई नहीं टिक नहीं पाती है।
अचानक प्लेन क्रैश हो गया वह भी आर्मी का ऐसे कैसे हो सकता है कई सवाल दिमाग में मंडराते रहते हैं । इस व्यक्ति ने अपना सर्वस्व जीवन देश की सेवा में लगा दिया अचानक मौत ने उसे गले लगा लिया ।
ऐसी गलती कैसे हो सकती है क्या वक्त की साजिश थी क्या वह वक्त का ऐसा कौन सा कहा नहीं माना यह सुना कि देश पर अपनी जान निछावर करने वाले भारत के प्रथम सी डीएसविपिन रावत जी को वक्त ने बक्शा नहीं ।
प्रकृति ने वक्त ने क्यों उसे अपनी गोद में नहीं रखा क्यों उसे हमेशा की नींद सुला दे सच में वक्त बहुत बलवान होता है चाहे बुराई का चाहे अच्छाई का वक्त ने ऐसा क्यों किया जिस व्यक्ति ने अपना जीवन देश की रक्षा पर लगा दिया क्या उसकी रक्षा के लिए कोई नहीं ।
वक्त ने बेवक्त उसको धरा की गोद में मृत्यु शैया पर अग्नि के विकराल रूप में ध्वस्त कर दिया वक्त किसी का भी बदल सकता है बेवक्त कुछ भी हो सकता है।
यह वक्त ने कौन सी साजिश रची। देश को अपनी सांसे देने वाला आसमान पर अपनी सांसे भी नहीं गिन पाया उसने ऐसा कौन सा अपराध किया कि आसमान पर से सीधा अग्नि में भस्म हो गया।
वक्त को जरा दिया भी शर्म नहीं आई अग्नि को जरा सा भी दिल नहीं दहला, अपनी आगोश में लेने पर, इस बुरे वक्त को जल्दी से भगाओ नहीं तो कई अनजान मृत्यु शैय्या पर पड़े मिलेंगे।
लेखिका :-गीता पति ( प्रिया) उत्तराखंड