सुषमा स्वराज अब हमारे बिच नहीं रही
शीला दीक्षित के बाद अब दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार की रात को निधन हो गया । मंगलवार की रात उनके सीने दर्द की शिकायत के बाद उनको दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था । अपने निधन से कुछ घंटे पहले उन्होंने ट्वीटर पर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने वाले विधेयक के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देते हुए लिखा था “ प्रधानमंत्री जी आप का हार्दिक अभिनंदन, मैं अपने जीवन मे इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी” और फिर कुछ घंटों बाद उन्होंने बेचैनी और सीने में दर्द की बात कही और उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था जहाँ उनकी मृत्यु हो गई ।
सुषमा स्वराज भारत की पहली महिला पूर्णकालिक विदेश मंत्री थी और वो दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकी थी । इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव नही लड़ा था और स्वास्थ्य कारणों के चलते राजनीति से थोड़ा दूरी बना ली थी । सुषमा स्वराज सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती थी और अपने विदेश मंत्री होने के दौरान उन्होंने ट्विटर के माध्यम से विदेशों में फसे भारतीयों की कई बार मदद की थी । सुषमा स्वराज को एक अच्छी वक्ता और कुशल राजनेता के तौर से भी जाना जाता है । सुषमा स्वराज 25 साल की उम्र में हरियाणा सरकार की कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी है । सुषमा स्वराज राजनीति में आने से पहले दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में अपने पति के साथ महज 20 वर्ष की उम्र में वकालत करने लगी थी ।
सुषमा स्वराज 1977 में पहली बार विधान सभा का चुनाव जीत कर हरियाणा की विधानसभा में पहुँची थी और उन्हें श्रम मंत्री बनाया गया था। 21 दिसंबर 2009 को सुषमा स्वराज पहली महिला विपक्ष की नेता चुनी गई थी और 2014 को मोदी सरकार में पहली महिला विदेश मंत्री बनी थी । सुषमा स्वराज अपने विदेश मंत्री के कार्यकाल के दौरान हमेशा अप्रवासी भारतीयों की मदद कर एक मिसाल कायम की थी । अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वो सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनी थी इसी दौरान उन्होंने फ़िल्म निर्माण को उद्योग का दर्जा दिया था ।सुषमा को उनकी हाजिर जवाबी के लिए भी जाना जाता है । सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए भाजपा मुख्यालय ले जाया गया है और अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड स्थित शमशान घाट पर शाम तीन बजे के बाद किया जाएगा ।