सूर्य की किरणों से कैंसर का खतरा
सूर्य की किरणों से कैंसर भी हो सकता है । दरअसल जब हम धूप में निकलते हैं तो सूर्य की तेज किरणों का हमारी त्वचा पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है । सूर्य की पराबैंगनी किरणों की वजह से त्वचा कैंसर होने का खतरा रहता है । वैज्ञानिकों ने मेकेनिकल बिहेवियर ऑफ बायोमैटिरियल नामक पत्रिका में प्रकाशित लेख में बताया है कि किस तरह से सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणें हमारी त्वचा को नुकसान पहुँचा सकती है ।
बिंगहैम्पटन यूनिवर्सिटी से बायोमेडिकल इंजिनीरिंग में पीएचडी कर रहे जेचरी लिप्सकी ने अपने शोध में बताया है कि सूर्य की किरणें हमारी त्वचा को नुकसान पहुँचाती है और सूर्य की किरणों से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के त्वचा को काफी नुकसान पहुँचता है । पराबैगनी किरणों को आँखों से नही देखा जा सकता है । पराबैगनी किरणों को फोटोन की ऊर्जा और तरंगदैर्घ्य के आधार पर चार प्रकार की क्षेणी में बांटा गया है । अब तक हुए अध्ययन से ये तो मालूम था कि पराबैगनी किरणों की वजह से त्वचा कैंसर होता है पर यह मानव त्वचा को किस तरह से नुकसान पहुँचाती है इस बात पर ज्यादा अध्ययन नही किया गया था ।
अभी तक कॉस्मिक इंडस्ट्री के शोधकर्ता के बीच इस बातों को लेकर बहस होती थी कि अल्ट्रावायलेट बी किरणों की तुलना में अल्ट्रावायलेट ए किरणें ज्यादा नुकसानदायक होते हैं । यह किरणें त्वचा के ऊतकों को बदल देती हैं जिस वजह से झुर्रियां पड़ जाती हैं । लेकिन यह नया अध्ययन यह बताता है कि अल्ट्रावायलेट किरणों की कोई भी किरण एक दूसरे से कम या ज्यादा हानिकारक नहीं होती हैं बल्कि ये अल्ट्रावायलेट उन त्वचा को ज्यादा नुकसान करती हैं जो अल्ट्रावायलेट ऊर्जा को ज्यादा मात्रा में अवशोषित करते हैं । यानी कि जो त्वचा जितनी ज्यादा अल्ट्रावायलेट किरणों को अवशोषित करेगी उन्हें उतना ही ज्यादा नुकसान पहुंचता है । यह सतह के साथ–साथ अंदर तक प्रभाव डालती है ।
शोधकर्ताओं का कहना है कि त्वचा की सबसे ऊपरी परत में यह किरणें कोशिकाओं के बीच के बंधन को कमजोर करते हैं जिससे कार्नोडेसमोसोम प्रोटीन प्रभावित होता है और इस वजह से त्वचा की ऊपरी परत सनबर्न से जल जाती है । वैज्ञानिकों का कहना है कि अल्ट्रावायलेट किरण त्वचा की गहरी में जा के प्रभावित करता है । मौसम चाहे जो भी हो हमें इन सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से अपनी त्वचा की रक्षा करनी चाहिए ।