सेहत और खूबसूरती पाएंगे एक साथ इस तेल से : सरसो के तेल के ये हैं फायदे

ADVERTISEMENT

विविध तरह से उपयोग और गुणवत्ता के मामले में सरसों के तेल का कोई दूसरा तेल मुकाबला नहीं कर सकता । आयुर्वेद के अनुसार वात, कफ और पित्त  तीनों अवस्थाओं के लिए तेल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

इसलिएतेल हमेशा शुद्ध व बिना रिफाइंड किया हुआ ही खाना चाहिए रिफाइंड तेल शरीर के लिए जहर के समान होता है।

ADVERTISEMENT

सरसों का तेल इन सबमें  बेहत साबित होता है और पिछले कुछ समय में वैश्विक स्तर पर भी इसकी मांग बहुत बढ़ीहै और आने वाले वक़्त में इसकी खपत ओर अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

आइये जानते है सरसो के तेल के कुछ उपयोगों और फायदों के बारे में :-

सरसों के तेल का प्रयोग  खाना बनाने और चिकित्सा दोनों में किया जाता  है इसमे ओमेगा-3 और ओमेगा-6 वसायुक्त अम्ल (फैट्टी एसिड) होता है और वसा की मात्रा काम होती है, जिससे यह न केवल खाने के लिए अच्छा है बल्कि दिल के रोगों के लिए भी बेहद फायदेमंद है ।

इसका स्वाद व गंध थोड़ा तीखा होता है लेकिन सेहत के लिए ये सबसे अच्छा तेल है। इसे बहुत ज्यादा गर्म नहीं करना चाहिए इससे इसके उपयोगी पदार्थ समाप्त हो जाते हैं ।

सरसो के तेल का उपयोग प्राकृतिक सनस्क्रीन के तौर पर भी किया जाता है और बालों के  लिए तो यह वरदान है।

इसकी मालिश से बल लम्बे मजबूत और घने होते है यह एंटी बैक्टीरियल के तौर पर काम करता है इसे नारियल तेल के साथ मिलकर बालों के लिए और हेड मसाज के लिए उपयोग किया जा सकता है।

छोटे बच्चों की मालिश के लिए इसका उपयोग आज भी किया जाता है यह उनके रक्त संचार को सही रखता है।

किसी भी प्रकार के दर्द में ज्यादातर सरसों के तेल लगाने से फायदा होता है जैसे शरीर की किसी भी मांशपेशी  में दर्द या ऐंठन है तो सरसो के तेल को नाभि में लगाना चाहिए ।

नाभि हमारे शरीर का केंद्र होती है और सभी अंग इससे सम्बंधित होते है ,यदि आपके सिर  में बहुत दर्द रहता हो या नकसीर की समस्या हो  तो रात को सोने से पहले नाक में थोड़ा सा सरसों का तेल लगाने से समस्या दूर  हो जाएगी ।

इसी प्रकार  यदि कोई छोटी मोटी चोट या कहीं से छिल गया हो और कोई दवाई उपलब्ध न हो तो वहाँ सरसों का तेल लगाना चाहिए ।

चोट जल्दी ठीक हो जाएगी।सरसों का तेल बाजार का सबसे स्वस्थकर तेल है एक रिसर्च से पता चला है कि सरसों के तेल में पका खाना खाने से  कोरोनरी हृदय रोग की घटनाओं में 71 प्रतिशत तक कमी आती है।

घाणी (घर पर  पीसकर बनाया हुआ ) के शुद्ध सरसों तेल का उपयोग खराब कोलेस्ट्रॉल को ठीक करता है ।

सभी तरह के अचार प्राय इसी तेल में बनाये जाते हैं क्योंकि यह प्रिजर्वेटिव (परिरक्षक ) के लिए अच्छा है गांवों में लोग आज भी सरसों का शुद्ध तेल ही काम लेते हैं ।

इसलिए उनका जीवन अधिक स्वस्थ होता है और लोगों में दिल की बीमारिया देखने को बहुत कम मिलती है।

प्रतिमाह 600-700  मिलीमीटर सरसों के तेल का प्रयोग और रोज एक बार के भोजन के लिए एक चमच्च इसका प्रयोग करना चाहिए, इससे आपका हृदय स्वस्थ रहेगा ।

ADVERTISEMENT

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *