सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली के मामले में चीन भविष्य में बाजी मार सकता है
जनरल नेचर एनर्जी में प्रकाशित शोध अध्ययन के मुताबिक करीब 344 चीनी शहरों में सरकारी ग्रिड से कम कीमत पर सौर ऊर्जा का उत्पादन करने वाले सोलर सिस्टम हैं और शोधकर्ताओं का मानना है कि सौर ऊर्जा को नवीनीकरण ऊर्जा के रूप में और ज्यादा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है । चीन ने सौर परियोजनाओं को विकसित करने के लिए 2017-20 के बीच सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए करीब 367 बिलियन डालर का निवेश करने का लक्ष्य रखा है । स्वीडन के स्टॉकहोम में रॉयल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी की रिसर्च टीम के अनुसार करीब 22 फ़ीसदी शहरों में सौर ऊर्जा से प्राप्त होने वाली बिजली कोयले से उत्पादित होने वाली बिजली का मुकाबला कर सकती है ।
काफी समय से चीन अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरी करने के लिए कोयले पर निर्भर रहा है । लेकिन चीन कई सारे कोयला खदानों को बंद करने के बाद और पिछले कुछ वर्षों से चीन में हो रहे भारी प्रदूषित क्षेत्रों में कोयला बिजली संयंत्रों के निर्माण को प्रतिबंधित करना शुरू हो गया है लेकिन इसके बावजूद न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार चीन में 59 फ़ीसदी बिजली का उत्पादन कोयले से किया जाता है । लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि आने वाले समय में सौर ऊर्जा की सस्ती कीमतों के कारण वाणिज्य क्षेत्र को सौर ऊर्जा के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है । एक रिपोर्ट के अनुसार सौर ऊर्जा प्रणाली की कीमतों को कम करने के लिए दुनिया भर में प्रयास किए जा रहे हैं, चीन ने इस दिशा में काफी निवेश कर रहा है ।
चीनी शहरों में सौर ऊर्जा आर्थिक गतिशीलता को बढ़ावा दे रही है,जिससे वहां के जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण रखा जा सके और इससे सारी दुनिया में एक सकारात्मक संदेश जा सके । रिपोर्ट के मुताबिक लोगों में सौर ऊर्जा उद्योग से निकलने वाले कचरे को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं । सौर ऊर्जा का उत्पादन कम लागत का तो हैं लेकिन सौर पैनल से निकले कचरे की बढ़ती मात्रा एक चिंता का विषय है । इंटरनेशनल रिन्यूएबल एनर्जी एजेंसी के अनुसार अकेले चीन दो सौ मिलियन सोलर पैनल कचरे का उत्पादन 2050 तक करेगा और चीनी सौर पैनल निर्माता को इसके लिए स्थानीय लोगों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है । सौर पैनल निर्माताओं पर कचरे को गलत तरीके से रखने का आरोप लगता रहा है । लोगों को कहना है कि इन कचरो से पास की एक बड़ी नदी में काफी संख्या में मछलियों की मौत हो गई थी । सौर ऊर्जा सस्ती होने के साथ–साथ पर्यावरण के अनुकूल भी है परंतु सौर पैनल के निर्माण से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है ।