स्टेचू ऑफ यूनिटी टाइम्स मैगजीन के प्रसिद्ध स्थलों की सूची में शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कुछ रोमांचित कर देने वाली तस्वीरों को साझा किया है । प्रधानमंत्री ने अपनी पोस्ट में कहा है कि इन रोमांचित कर देने वाली कुछ तस्वीरों को इस उम्मीद के साथ साझा कर रहा हूं कि आप इस प्रसिद्ध स्थल पर जाएंगे और स्टेचू ऑफ यूनिटी देखेंगे । प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में इस बात का भी जिक्र किया है कि भारत द्वारा हाल ही में बनाए गए स्टेचू ऑफ यूनिटी को टाइम्स मैगजीन ने 100 प्रसिद्ध स्थलों की सूची में जगह दी है । प्रधानमंत्री ने अपने एक और ट्वीट में इस बात की जानकारी दी है कि कुछ दिन पहले स्टेचू ऑफ़ यूनिटी से संबंधित एक रिकार्ड बना है यह रिकॉर्ड है कि स्टेचू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए 1 दिन में 34000 लोग इसे देखने के लिए आए ।
प्रधानमंत्री ने खुशी जाहिर की है कि स्टेचू ऑफ़ यूनिटी एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहा है । दरअसल इस समय नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और स्टैचू ऑफ यूनिटी की गैलरी से सरदार सरोवर बांध बहुत ही खूबसूरत नजर आता है । सरदार सरोवर बांध के अभी फिलहाल 15 गेट ही खुले हैं। ऐसे में यहां आने वाले से लोग बड़ी तादाद में स्टेचू ऑफ यूनिटी के साथ-साथ सरदार सरोवर बांध का भी लुफ्त उठा रहे हैं । मालूम हो कि देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर लंबी मूर्ति को नर्मदा नदी के तट पर स्थापित किया गया है और यही सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति स्टेचू ऑफ यूनिटी के नाम से जानी जाती है ।
इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार बल्लभ भाई के जन्मदिन 31 अक्टूबर को 2018 में किया था । इस मूर्ति के निर्माण पर करीब 3000 करोड़ रुपए खर्च हुए । इस मूर्ति में लिफ्ट लगी है जो ऊपर गैलरी तक जाती है जहां से बांध का पूरा दृश्य देखने को मिलता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार सरोवर बांध की तस्वीर साझा करते हुए लोगों से अपील की है और उम्मीद जताई है कि गुजरात में बने इस बांध को देखने के लिए लोग वहां जाएंगे और सरदार सरोवर बांध के साथ ही स्टेचू ऑफ यूनिटी को भी देखेंगे ।
प्रधानमंत्री ने इस बात की खुशी जताई कि सरदार सरोवर बांध में जल का स्तर ऐतिहासिक 138 मीटर पर पहुंच गया है । गुजरात में स्थित स्टेचू ऑफ यूनिटी टाइम्स मैगजीन द्वारा जारी विश्व के प्रसिद्ध 100 स्थलों की सूची में शामिल किया है । स्टेचू ऑफ यूनिटी भारत की सबसे ऊंची मूर्ति है और यह पूरी तरह से लोहे से बनाई गई है क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है ।