स्वस्थ रहने को किस मौसम में किस बर्तन में पानी पिये आइये जानते हैं
पानी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है । पानी का स्वास्थ्य से सीधा संबंध होता है । पानी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है और इसकी कमी से शरीर बिमारियों से घिर जाता है । इस कहावत को तो जानते ही होंगे कि जल ही जीवन है । इंसान बिना खाये कोई दिनों तक जीवित रह सकता है लेकिन बिना पानी के ज्यादा दिन जिंदा नही रह सकता । पानी से प्यास तो बुझती ही है साथ मे यह हमारे शरीर के अंगों को सही ढंग से काम करने में भी सहायक होता है । पानी हमारी पाचनशक्ति को सही करने के साथ साथ दिमाग के विकास के लिए भी जरूरी होता है ।
पानी से डिहाइड्रेशन के वजह से होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है । सुबह पानी पीने से इंसान सारे दिन तरोताजा रहता है । कहा जाता है कि हर बीमारी से बचने के लिए पानी एक रामबाण औषधि जैसे होता है । इसलिए स्वस्थ रहने के लिये खूब पानी पीना चाहिए । डॉक्टर के अनुसार हमे दिन भर में 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए । अक्सर लोग पूछते है कौन सा पानी पीना चाहिए । बुजुर्गो से सलाह ले तो बोलेंगे घड़े का पानी पीना चाहिए कुछ लोग कहेंगे ताँबे के बर्तन में रखा पानी पीना चहिए ।
गर्मियों के मौसम में हम सब फ्रिज का पानी पीते है लेकिन यह हमारी सेहत के लिए अच्छा नही माना जाता , गर्मियों में फ्रिज के बजाय मिट्टी के घड़े का पानी पीना चाहिए । मिट्टी के घड़े का पानी ठड़ा भी होता है और मिट्टी उसकी गुणवत्ता भी बढा देती है । यदि आप चेहरे पर ग्लो और तेजी से वजन कम करना चाहते हैं तो सुबह सुबह हल्का गुनगुना पानी पीना चाहिए इससे हमारा शरीर अच्छे से डिटॉक्स होता है । जाड़े के मौसम में सोने के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए क्योंकि सोना बहुत गर्म होता है । सोने का बर्तन नही ले सकते तो किसी भी बर्तन में कोई भी सोने का टुकड़ा जैसे सोने की अंगूठी डाल दे और उस बर्तन का पानी पियें ।
जिनको डिप्रेशन हो, नींद कम आती हो, बुरे बुरे खयाल मन मे आते हो, या कफ बनता हो , ऐसे लोगो के लिए सोने के बर्तन में रखा पानी बहुत फायदेमंद होता है । बरसात के मौसम में बैक्टीरिया बहुत बढ़ जाते है तो बरसात के मौसम में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए क्योंकि तांबा हानिकारक बैक्टीरिया को मार कर पानी शुद्ध कर देता है । दरअसल तांबा एक जरुरी ट्रेस मिलिरल है जो हेल्थ के लिए जरूरी है । इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एन्टी इंफ्लामेटरी, एन्टी कार्सिनोजेनिक के मौजूदगी से यह विषैले पदार्थों को बेअसर कर देता है ।