हांगकांग के प्रदर्शन का चीनी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव की संभावना
बीते कुछ दिनों से हांगकांग चर्चा में है । असल में हांगकांग में चीनी सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा है और सरकार के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से हांगकांग में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है । इस वजह से चीन के लिए हांगकांग का मुद्दा मुश्किलें बढ़ाने वाला हो सकता है क्योंकि हो सकता है आने वाले समय में जल्द ही इसका असर चीन की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलने लगे । हांगकांग के मामले पर अमेरिका भी चीन को नाशिहते देता नजर आया । लेकिन चीन का कहना है कि यह उसका अंदरूनी मामला है इसलिए अमेरिका को इसमें दखल नहीं देना चाहिए ।
हांगकांग में पिछले दो महीने से हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं । चीन द्वारा हांगकांग के लोगों पर नजर रखने और उन पर काबू करने के लिए सरकार द्वारा पुलिस और सैन्य बलों की संख्या में लगातार इजाफा किया जा रहा है । चीन का कहना है कि वह किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को बर्दाश्त नहीं करेगा । अर्थशास्त्रियों का मानना है कि हांगकांग में हो रहे इस प्रदर्शन का सीधा असर चीन की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था पूरी तरीके से एफडीआई पर आधारित है जिस का जरिया हॉन्गकॉन्ग ही है । इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय व्यापार बाजार में भी हांगकांग की साख भी चीन से काफी बेहतर स्थिति में है । हांगकांग की पहचान एक फ़ाइनेंशियल हब के तौर पर भी होती है ।
इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां पर हो रहे प्रदर्शन का सीधा असर चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है, क्योंकि चीन में पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट नहीं है और अर्थव्यवस्था एफडीआई पर टिकी हुई है । वैसे भी वर्तमान में चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिल रही है । दूसरी तरफ चीन का अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर चल रहा है क्योंकि अमेरिका ने चीन को करेंसी मैनिपुलेटर बताया है । चीन की सबसे बड़ी कंपनी अली–बाबा भी हांगकांग के शेयर बाजार में लिस्टेड है,इसलिए वहां के राजनीतिक और आर्थिक माहौल का प्रभाव भी इस पर रहने की पूरी संभावना है ।