हांगकांग के मसले पर G7 देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान पर चीन ने जताई आपत्ति
फ्रांस में हुए G7 सम्मेलन में हांगकांग के मसले पर जारी किए गए संयुक्त बयान पर चीन ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि हांगकांग चीन का आंतरिक मसला है । फ्रांस में जी 7 देशों के नेताओं की बैठक में हांगकांग की स्वायत्तता का समर्थन किया गया था और हांगकांग के साथ शांति की अपील की गई थी । मालूम हो कि 1984 में ही ब्रिटेन और चीन के बीच हुए समझौते में है हांगकांग की स्वायत्तता तय की गई थी ।
बीजिंग में चीन द्वारा विदेशी सरकारों पर हांगकांग के मसले पर हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया है । चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गैंग शुआँग ने कहा ‘ हांगकांग के मसले पर G7 सम्मिट में तमाम नेताओं द्वारा दिए गए बयान पर हम कड़ी आपत्ति जताते हैं, हमने कई बार कहा है कि हांगकांग पूरी तरीके से चीन का आंतरिक मामला है इसमें किसी विदेशी सरकार, संस्था या किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है, उन्होंने आगे कहा कि हांगकांग के लिए चीन और हांगकांग की जनता से अधिक कोई नहीं सोच सकता ।
दरअसल G7 द्वारा संयुक्त बयान में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका में शांति बनाए रखने की अपील की थी । बीजिंग ने ब्रिटेन को आरोपी बताया जिसने 1997 में अर्धस्वायत्त क्षेत्र हांगकांग का अधिकार चीन को सौंपा था । फ्रांस में G7 शिखर सम्मेलन के समापन पर एक संयुक्त बयान जारी किया गया था जिसमें कहा गया कि G7 हांगकांग पर 1984 के चीन और ब्रिटेन के बीच हुए समझौते के महत्व का समर्थन करता है और हिंसा खत्म करने का आवाहन करता है ।
दरअसल हांगकांग में में चीनी सरकार द्वारा प्रत्यारोपणविधेयक को पारित कराने के प्रयास के विरोध में पिछले 2 महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन जारी है और सोमवार को प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस द्वारा पानी की बौछार का इस्तेमाल किया गया । हांगकांग की जनता द्वारा चीनी सरकार के विधेयक का विरोध हो रहा है जिसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति चीन में अपराध करता है तो उसकी जांच के लिए उसे चीन प्रत्यारोपित किया जा सकेगा जबकि पहले या प्रावधान नहीं था । पहले अपराध करने पर दूसरे देश में प्रत्यारोपित करने का प्रावधान नहीं था । अब विधेयक में संशोधन कर कई देशों के साथ संधि की गई है और इसी का हांगकांग की जनता द्वारा विरोध किया जा रहा है ।