हांगकांग में हो रहे प्रदर्शन का कारण
हांगकांग में पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन हो रहा है इसके पीछे वजह यह है कि कुछ दिन पहले हांगकांग प्रशासन एक विधेयक लेकर आया जिसमें कहा गया है कि हांगकांग का कोई व्यक्ति यदि चीन में अपराध करता है तो उस पर मुकदमा हांगकांग के बजाय चीन में चलाया जाएगा और इसी विधायक के विरोध में पिछले कुछ दिनों से हांगकांग में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है ।इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जोशु वांग के नेतृत्व में किया जा रहा है । हांगकांग के युवाओं को ऐसा लगता है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी हांगकांग पर इस विधायक के जरिए अपना दबदबा बनाया रखना चाहती है । लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद हांगकांग की सरकार ने इस विधेयक को तो वापस ले लिया लेकिन उसके बाद भी युवाओं ने इस प्रदर्शन को खत्म नहीं किया । उनकी मांग है कि हांगकांग में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत किया जाए ।
ज्ञात होगी हांगकांग पहले ब्रिटेन के उपनिवेश रहा है । 1842 ने ब्रिटेन ने हांगकांग को एक व्यापारिक बंदरगाह के रूप में विकसित कर इसे अपना उपनिवेश बना लिया था और 1843 में ब्रिटेन ने इसे चीन को बेच दिया । द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हांगकांग पर जापान का कब्जा हो गया लेकिन जब जापानी सैनिक मारे गए तो फिर से यह चीन के कब्जे में आ गया । 19 दिसंबर 1984 को, हांगकांग ट्रांसफर एक्सचेंज के लिए चीन– ब्रिटिश संयुक्त घोषणा पर दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए और इस तरह से हांगकांग चीन का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र बन गया । भले ही हांगकांग चीन का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हो लेकिन चीन द्वारा वहां पर एक देश दो नीति अपनाई जाती है । चीन हांगकांग में अपनी मुद्रा, राजनीतिक व्यवस्था, कानूनी प्रणाली, अप्रवास पर नियंत्रण और सड़क के नियम लागू करता है । रक्षा क्षेत्र और विदेश मामलों को छोड़कर हांगकांग को सभी क्षेत्रों में उच्च स्तर की स्वायत्तता प्राप्त है । सुरक्षा क्षेत्र और विदेश मामलों में चीन सरकार की चलती है ।
मालूम हो कि हांगकांग में चल रहे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व महज 23 साल के एक दुबले–पतले शख्स द्वारा किया जा रहा है जिसने अपने हौसले और साहस के दम पर चीन सरकार को परेशान कर रखा है इस शख्स का नाम है जोशुआ वांग, जो समय दुनिया की नजर में आए थे जब उन्होंने अंब्रेला मूवमेंट 2014 में चलाया था और हांगकांग में मतदान के अधिकारों में बढ़ोतरी और लोकतंत्र में बढ़ोतरी की मांग की गई थी । उसी आंदोलन के बाद प्रतिष्ठित पत्रिका टाइम्स से जोशुआ वांग को सबसे प्रभावित किशोर की सूची में शामिल किया था और 2015 में फॉर्चून मैगज़ीन ने जोशुआ वांग को दुनिया के महानतम नेताओं की श्रेणी में रखा था । यही नही 2018 में इन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था । जोशुआ वांग वर्तमान में हांगकांग की राजनीतिक पार्टी डेमो सिस्टम के महासचिव हैं इन्होंने इस पार्टी को 19 साल की उम्र में बनाया था ।