संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा गांधीजी ने इतिहास बदल दिया

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आज 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है । भारत के समेत ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र ने गाँधी जी को, उनकी सीख को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दिए । गांधी एक अकेले व्यक्ति का नही ,वल्कि एक विचारधारा का नाम है । गांधी जी का मानना था कि कोई भी बात की सलाह देने से पहले उन्हें पहले खुद अमल में लाये इसके बाद ही सलाह दे । गाँधी जी ने सब की अहिंसा का पाठ पढ़ाया । गाँधी जी सत्य वचन और अहिंसा में पूरा विश्वास रखते थे । गाँधी जी की विचारधारा सालो बाद भी आज भी प्रासंगिक है ।

इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि गांधी जी का अहिंसक आंदोलन इतिहास बदल दिया ।  संयुक्त राष्ट्र गांधी जी के आदर्शों को अपनाते हुए आगे बढ़ रहा है । मालूम हो कि भारत के साथ दुनिया भर में गांधी जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है । संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि  महात्मा गांधी अहिंसा आंदोलन का नेतृत्व किया और इसके माध्यम से इतिहास बदल दिया । महात्मा गांधी जी के जन्म के 150 साल बाद उनके आदर्शों के साथ आगे बढ़ रहा है ।

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गाँधी जी का साहस और दृढ़ विश्वास हमें हमेशा प्रेरित करेगा । गुटेरेस ने अपने बयान में आगे कहा है कि संयुक्त राष्ट्र  आपसी समझ, समानता, सतत विकास, युवाओं के सशक्तिकरण और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान करके गाँधी जी की दृष्टिकोण को दुनिया भर में आगे बढ़ रहा है । इस मौके पर उन्होंने गांधी जी के सत्य अहिंसा और स्वराज का वर्णन करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर 1869 गुजरात के पोरबंदर शहर में जन्मे महात्मा गांधी ने अहिंसक आंदोलन को अपनाया और ब्रिटिश ब्शासन के विरुद्ध स्वतंत्रता संघर्ष में धैर्य के साथ आगे बढे, इसका नतीजा यह हुआ कि भारत को 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिल गई ।

बापू को सत्य, स्वराज और अहिंसा में उनके अटूट विश्वास ने उन्हें दुनिया भर में प्रशंसा दिलाई । जनवरी 1948 में हत्या से पहले और विभाजन के बाद महात्मा गांधी ने हम जो करते है और जो करने में सक्षम है उसके बीच की खाई को उजागर किया और ऐसे पाटने की कोशिश की । संयुक्त राष्ट्र  महासचिव गुटेरेस ने आगे कहा कि “ मैं इस अंतर्राट्रीय अहिंसा दिवस पर हर किसी से इस विभाजन को पाटने के लिए अपनी शक्ति अनुसार कोशिश करने का आग्रह करता हूं ताकि हम एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकें” ।

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