चन्द्रयान-2 के बाद इसरो का अगला मिशन मानव रहित गगनयान होगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो ने चन्द्रयान-2 मिशन के बाद भारत के पहले मानव मिशन गगनयान की घोषणा कर दी है । गगनयान मिशन को स्वदेशी रॉकेट जीएसएलवी मार्क 3 से छोड़ा जाएगा । गगनयान मिशन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि गगनयान की सफलता से भारत के इसरो की धाकअंतरिक्ष में बढ़ जाएगी । गगनयान प्रोजेक्ट के तहत इसरो की योजना 2021 के अंत तक 3 वैज्ञानिकों की एक टीम को अंतरिक्ष में भेजना है । रिपोर्ट के मुताबिक 3 वैज्ञानिकों की टीम अंतरिक्ष में 7 दिन बिताने के बाद वापस धरती पर लौट आएगी ।
वायु सेना ने जानकारी दी है कि इस परियोजना के लिए भारतीय वायुसेना के 10 पायलटों का चयन कर लिया गया है । गगनयान मिशन के तहत भारतीय वायुसेना और इसरो मिलकर तीन अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करेंगे और फिर उनको प्रशिक्षण देने के लिए रूस भेजा जाएगा । इसरो प्रमुख सिवन के अनुसार गगनयान प्रोजेक्ट के तहत 2020 के आखिर में पहली और जुलाई 2021 में दूसरी मानव रहित फ्लाइट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और उसके बाद 2021 के आखिर में इन दो प्रयोगों के बाद तीसरी फ्लाइट द्वारा तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस भेजा जाएगा । भारत का गगनयान स्पेस यान भारत का पहला मानव मिशन होगा ।
मालूम हो कि 15 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन की घोषणा की थी । गगनयान मिशन पर करीब दस हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे । इसरो के अनुसार 2021 में भारत अंतरिक्ष में मानव को भेजकर इतिहास रचेगा । गगनयान मिशन की सफलता से भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता में वृद्धि होगी । वहीं भारत के चंद्रयान 2 मिशन के विक्रम लेंडर से इसरो का संपर्क टूट जाने के बाद भी चंद्रयान 2 मिशन को 98 फीसदी तक सफल बताया जा रहा है । भारत ने अपने चंद्रयान 1 और चन्द्रयान 2 मिशन के जरिए चांद पर अपनी पहुंच बनाई । इसके अलावा मंगल ग्रह के लिए भी भारत ने मंगलयान भेजा था और अब आने वाले सालों में भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो के द्वारा मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा ।