वैज्ञानिकों ने हार्ट फेल से होने से बचाने वाली दवा बनाईं

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हार्ट फेल होने की वजह से कई सारे लोगों को जान चली जाती है लेकिन अब हार्ट फेल होने से बचा जा सकता है । वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा बनाई है जो हार्ट को फेल होने से बचा सकती है । वैज्ञानिकों के अनुसार यह दवा हार्ट अटैक और हार्ट फेल होने के खतरे से बचाएगी । अभी तक यह दोनों ही बीमारी एक लाइलाज बीमारी समझी जाती थी । अभी तक उसका कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं था । नेचर पब्लिकेशन बायोलॉजी नामक जनरल में एक शोध प्रकाशित किया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि हार्ट अटैक की तीव्र प्रतिक्रिया से हॉट को गहरा आघात पहुंचता है जो अंत में हार्ट फेल होने का कारण बनता है । लेकिन वैज्ञानिक एक ऐसी दवा इजाद की है जिससे इस खतरे से बचा जा सकता है ।

इस दवा का नाम है एसआर 90009 । इस दवा को इजाद करने वाले शोधकर्ताओं की टीम में कनाडा की यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता भी शामिल है । शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यह नई दवा हार्ट अटैक से तो बचाएगी ही और साथ ही यह इसके खतरे से बचने के लिए  मरीज जो दवाई लेते हैं उसकी आवश्यकता को समाप्त कर देती है । क्योंकि अक्सर देखा गया है कि जब किसी को हार्ट अटैक आता है तो डॉक्टर उन्हें कुछ ऐसी दवाइयां देते हैं जिन्हें उन्हें जिंदगीभर खाना पड़ता है । लेकिन इसके बाद भी कोई खास फर्क देखने को नही मिलता है । ऐसे में यह नई दवा बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं ।

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जैसा कि सभी जानते हैं और शोधकर्ताओं ने भी कहा है कि हमारा शरीर प्राकृतिक घड़ी यानी की बॉडी क्लॉक के अनुसार काम करते हैं ।  यह शरीर की कोशिकाओं के काम को प्रभावित करती हैं । बॉडी क्लॉक का संबंध जीन और प्रोटीन से होता है, जो कि दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए दिन रात के चक्र में काम करती है । शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में कहा है हमारे शरीर के बॉडी क्लॉक का जो तंत्र होता है वह हार्ट में ब्लड के सरकुलेशन को नियंत्रित करता है और साथ ही इलाज के दौरान में एक सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है । इस अध्ययन के सह- लेखक ने कहा है कि इस दवा का असर रोमकनचित कर देने वाला है क्योंकि यह एक ऐसी पद्धति के उपयोग पर जोर देता है जिससे हार्ट अटैक को ठीक किया जा सकता है और साथ ही हार्ड फेल होने के खतरे को भी विकसित होने से पहले ही रोका जा सकता है ।

उन्होंने बताया कि चूहे पर परीक्षण के दौरान हमने पाया कि इस दवा के सेवन करने के बाद चूहे को हार्टअटैक नहीं आया । उन्होंने कहा यदि हार्ट कोई आघात नहीं पहुंचता तो हार्ट को किसी भी प्रकार की छति नहीं होगी और भविष्य में भी मरीज ठीक और स्वस्थ जीवन जी सकेगे । शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यह दवा इतनी तेजी से असर करती है कि उसकी कार्यप्रणाली सभी को चकित कर दी । इसके अलावा यह अन्य उपचारों से भी सस्ता है और इससे मरीजों को समय रहते बचाया जा सकता है ।

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस दवा का उपयोग करके ऐसे जीनों के व्यवहार को बाधित किया जाता है जो हार्ट अटैक के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर देते हैं । वैज्ञानिकों ने परीक्षा में पाया कि इससे एनपीआरएल ३ नामक सेलुलर सेंसर का उत्पादन कम हो जाता है और हार्ट पर असर करने वालेे ऊतकों को नुकसान पहुंचता है । शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि पहली बार हार्ट अटेक से बचे लोगों का इलाज इस दवा के जरिए करने से फ्यूजन जैसी पारंपरिक तकनीक से यह कहीं बेहतर साबित हो सकती है ।

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