भारत में इस साल आयोजित होगा पहला साइकिल पोलो लीग
पिछले कुछ सालों में भारत में खेल की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही हैं । लोग विभिन्न खेलों में भाग लेने लगे हैं । क्रिकेट,फुटबॉल, हॉकी,टेनिस, बैटमिंटन के अलावा भी कई सारे खेल भारत में खेले जाते हैं । पिछले कुछ सालों में भारत में लीग खेलों के आयोजन की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी है और इसी को देखते हुए भारतीय साइकिल पोलो महासंघ ने भारत में भी साइकिल पोलो लीग को आयोजित करने के बारे में निर्णय लिया है ।
भारतीय साइकिल पोलो महासंघ के अध्यक्ष रघुवीर सिंह डूंडलोद के अनुसार इस तरह के खेल का आयोजन करने से खेलों की लोकप्रियता में और ज्यादा वृद्धि होगी ।
उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता का आयोजन 25 से 29 नवंबर के बीच जयपुर में कराया जाएगा, जिसमें पहले सत्र में 5 टीमें भाग लेंगी और इनके बीच लीग के मुकाबले खेले जाएंगे और उसके बाद फाइनल खेला जाएगा । प्रत्येक टीम में 4 खिलाड़ी रहेंगे जिसमें से एक खिलाड़ी विदेशी खिलाड़ी हो सकता है ।
ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मैचों के प्रारूप की तरह ही खेला जाएगा और प्रत्येक साढ़े सात मिनट में एक चक्कर लगाने होंगे । इस साइकिल पोलो खेल प्रतियोगिता में देश के शीर्ष 40 साइकिल पोलो खिलाड़ियों का चुनाव किया जाएगा और इसमें 10 विदेशी खिलाड़ी भी भाग लेंगे ।
पहले चरण लीग के लिए खिलाड़ियों के चयन के लिए बोली नहीं लगाई जाएगी बल्कि इसके लिए एक टीम का गठन इस प्रकार से किया जाएगा कि सभी टीमों में बराबर बराबर लोग हो और इस तरह की 5 टीमें बनाई जाएंगी ।
यह भी पढ़ें : पीवी सिंधु ने बैटमिंटन वर्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीत रचा इतिहास
जो इस लीग को जीतेगी उसे दो लाख रुपये और जो उप विजेता बनेगी उसे एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा और यदि लीग के आयोजन से अच्छे प्रायोजक मिलते हैं तो पुरस्कार की धनराशि को बढ़ाया जा सकता है । इस प्रतियोगिता को करने का मकसद खेल के खिलाड़ियों को आर्थिक सुविधा को प्रदान करना और उनकी लोकप्रियता को बढ़ाना है ।
इस साइकिल पोलो खेल में खेल के लिए गेंद के अलावा एक सामान्य साइकिल और एक पोलो स्टिक की जरूरत होती है । मालूम हो कि सबसे पहले साइकिल पोलो खेल का आयोजन आयरलैंड में 1891 में हुआ था और साइकिल पोलो को 1906 में ओलंपिक में शामिल किया गया था ।
अंतरराष्ट्रीय बाइसिकल संघ ने अब तक 12 विश्वकप का आयोजन किया है जिसमें भारत ने केवल 7 बार ही भाग लिया है । भारत में पांच स्वर्ण और दो कांस्य पदक भी मिले हैं ।