आकाश मिसाइल से भारत करेगा पाक और चीन से लगी अपनी सीमा की निगरानी

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जल्द ही भारत पाकिस्तान और चीन से लगी अपनी सीमा की निगरानी आकाश मिसाइल के जरिए करेगा । इसके लिए रक्षा मंत्रालय से बातचीत चल रही है ।

भारत पाकिस्तान और चीन के साथ लगने वाली अपनी सीमा के पहाड़ी क्षेत्रों में घुसपैठ को रोकने के लिए आकाश प्राइम मिसाइलों के दो रेजीमेंट को अधिग्रहण करने के लिए रक्षा मंत्रालय से इस प्रस्ताव पर चर्चा कर रहा है ।

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विशेषज्ञों का कहना है कि आकाश मिसाइल को 15 हजार फुट की ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात किए जाने की संभावना है । मालूम हो कि भारत की आकाश मिसाइल नई विकसित उन्नत मिसाइलों में से एक है । आकाश प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता उसकी पहले की मिसाइल की तुलना में अधिक है ।

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत जल्द ही पाकिस्तान और चीन से बनाने वाली अपनी सीमाओं पर लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आकाश मिसाइल को तैनात कर देगा । इसके लिए सेना और रक्षा मंत्रालय के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है ।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्रालय से उन्नत आकाश एयर डिफेंस मिसाइल के दो रेजीमेंट के लिए भारतीय सेना के बीच बातचीत हो रही है । दरअसल आकाश फ्लाइंग मिसाइल सेना में पहले से मौजूद मिसाइल सिस्टम का ही आधुनिक संस्करण है ।

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इन मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए जल्द ही सेना के प्रमुख बिपिन रावत और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच बैठक होगी । यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो जल्दी सेना द्वारा आकाश प्राइम मिसाइल के दो रेजीमेंट का अधिग्रहण कर लेगी ।

मालूम हो कि आकाश मिसाइल की गति ध्वनि की गति से साढ़े तीन गुना अधिक तेज है और वह अपने लक्ष्य को तबाह कर सकती है । आकाश मिसाइल को विशेष रडार सिस्टम से लैस किया गया है जो एक साथ दुश्मनों के 40 लक्षण को ट्रैक कर सकती है और सतह से हवा में 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर सकती है ।

मालूम हो कि आकाश मिसाइल के सिस्टम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है । सेना के पास पहले से ही आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम की मिसाइल मौजूद है ।

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लेकिन हाल के दिनों में पड़ोसी देशों के साथ तनाव बढ़ गया है । ऐसे यह जरूरी भी हो गया है । भारत की चीन और पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर आकाश मिसाइल के दो रेजीमेंट तैनात है लेकिन सेना दो और रेजीमेंट की तैनाती करना चाह रही है ।

इसे भारत की मेक इन इंडिया को भी मजबूती मिलेगी । अभी कुछ समय पहले ही भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा पर गठित कैबिनेट कमेटी ने वायुसेना के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के परियोजना को मंजूरी दी है ।

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