विश्व कप 2011 में गौतम गंभीर शतक से चूक गए थे : अब 8 साल बाद धोनी पर बरसे
गौतम गंभीर भारत के ओपनर बल्लेबाज हुआ करते थे । जब गौतम गंभीर के चमकदार क्रिकेट कैरियर की होती है तब गौतम गंभीर की मिट्टी से सनी हुई जर्सी जेहन में तैरने लगती है जो विश्व कप 2011 के फाइनल में गौतम गंभीर के संघर्ष और जुझारूपन की दास्तां बयाँ करती है ।
विश्व कप 2011 का फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था । फाइनल मुकाबले में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का मारकर भारतीय टीम को जीत दिलाई थी । लेकिन विश्व कप फाइनल में भारत की जीत के असली सूत्रधार ओपनर गौतम गंभीर थे ।
विश्व कप 2011 के 8 साल बाद गौतम गंभीर ने इस बात का खुलासा किया है कि आखिर कैसे वह श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में शतक बनाने से चूक गए थे ।
विश्व कप 2011 का मुकाबला भारत जीता था । अब 8 साल बाद गौतम गंभीर ने कहा है कि वह महेंद्र सिंह धोनी की वजह से वर्ल्ड कप फाइनल में अपना शतक नहीं बना पाए थे ।
गंभीर ने कहा “मुझसे कई बार पूछा गया कि जब मैं 97 रन पर खेल रहा था तब क्या हुआ था , मैं सब को बताना चाहता हूं कि मेरे दिमाग में शतक का कोई विचार नहीं था और मैं सिर्फ श्रीलंका द्वारा दिए गए टारगेट को देखते हुए खेल रहा था ।
मुझे याद है जब ओवर पूरा हुआ तो मेरे साथी बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ने मुझसे कहा सिर्फ 3 रन बचे हैं और तुम यह 3 रन पूरे कर लो तो तुम्हारा शतक बन जाएगा ।
धोनी के द्वारा शतक की याद दिलाने के बाद मेरे अंदर भी शतक पूरा करने की भावना जागृत हो गई और उसी हड़बड़ाहट में गलत शॉट खेलकर में आउट हो गया ।
गंभीर का कहना है कि वे 97 रन पर खेल रहे थे तो वे वर्तमान में थे जैसे ही उनके मन में यह बात आई कि 100 रन पूरा करने के लिए सिर्फ 3 रन दूर है तब उसे पाने की इच्छा हो गई और वह कहीं और चले गए और अपना विकेट गँवा बैठे ।
गंभीर का कहना है कि यह बहुत जरूरी है कि आप वर्तमान में ही रहो। गंभीर ने कहा जब मैं आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में गया तो मैंने खुद से कहा कि यह 3 रन मुझे पूरी जिंदगी परेशान करेंगे और यह सच है ।
आज भी लोग मुझसे पूछते हैं कि आप अपने 3 रन पूरे क्यो नही कर पाए । गौतम गंभीर के आउट होने के बाद पांचवें नंबर के लिए युवराज सिंह बल्लेबाजी करने के लिए आए और महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह 54 रनों की अविजित साझेदारी की और भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया ।
धोनी द्वारा विजयी छक्का फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे । धोनी ने फाइनल मुकाबले में 91 रन की नाबाद पारी खेली और इस पारी के लिए महेंद्र सिंह धोनी को मैन ऑफ द मैच चुना गया था ।