इस देश में बंद पड़ी 100 साल पुरानी घड़ी भूकंप की वजह से चलने लगी

इस देश में बंद पड़ी 100 साल पुरानी घड़ी भूकंप की वजह से चलने लगी

भूकंप एक प्राकृतिक घटना है। लेकिन यह अपने साथ सब कुछ तहस-नहस कर देती है। यह एक ऐसी घटना है जो मानव के नियंत्रण में नहीं होती है।

लेकिन इससे भयंकर तबाही में सबसे ज्यादा नुकसान मानव को ही झेलना पड़ता है। भूकंप की दृष्टि से देखा जाए तो जापान भूकम्प के मम्मले में बेहद संवेदनशील देशों की श्रेणी में आता है।

इसके पीछे का कारण यह है कि धरती के सबसे अस्थिर टेक्टोनिक प्लेट्स पर जापान है। यह प्लेट्स एक अभिकेंद्रीय सीमा पर ही बनती है।

जिसकी वजह से यह क्षेत्र दुनिया के सर्वाधिक भूकंप का केंद्र माना जाता है। भूकंप आने की वजह से जापान को सबसे ज्यादा नुकसान भी झेलना पड़ता है।

हालांकि भूकंप की वजह से जापान में एक दिलचस्प मामला घटा है। भूकंप के कारण ही यहां पर 100 साल पुरानी बंद घड़ी चलने लगी।

यह घटना जापान के यामामोटो शहर की है। खबरों में बताया गया है कि यामामोटो में एक बौद्ध मठ में 100 साल पुरानी घड़ी लगी है जो बहुत ही विशाल है।

लेकिन 2011 में आए भूकंप की वजह से यह घड़ी अचानक से बंद पड़ गई थी। उस समय के बाद यह घड़ी कभी नहीं चली।

लेकिन हाल में ही वहां पर यह दिलचस्प और लोगों को हैरान कर देने वाली घटना घटी है। फरवरी के महीने में साल 2021 में इसी क्षेत्र में दोबारा से भूकंप आया।

जिसकी वजह से यह बंद पड़ी घड़ी अपने आप से ठीक हो गई और चलने लगी। इस तरह से लगभग 10 साल के बाद बंद पड़ी घड़ी अपने आप से ठीक हो गई और सही ढंग से चलने लगी।

हालांकि लोगों का मानना है कि यह घड़ी किसी तकनीकी कारण से फिर से चलने लगी होगी क्योंकि इस बात की संभावना जताई जा रही है कि घड़ी के अंदर जमा धूल के भूकंप के कारण हट गए होंगे।

क्योंकि भूकंप के दौरान तेज झटके लगते हैं ऐसे में भूकंप से यह धूल के कण गिर गए होंगे जिसकी वजह से यह घड़ी फिर से चलना शुरू हो गई।

इस घटना के बाद घड़ी निर्माता कंपनी के एक प्रतिनिधि का दल भी उस जगह पर पहुंचा और निरीक्षण किया। दोबारा से घड़ी चालू हो जाने से मठ के आसपास रहने वाले लोग बहुत खुश नजर आ रहे हैं।

बता दें कि साल 2011 में आए भूकंप और सुनामी की लहरों के वजह से पानी मठ के अंदर भी पहुंच गया था। इस घटना की वजह से सिर्फ मठ के खंभे और छात ही बचे थे।

यह घड़ी भी एक खंभे पर टंगी थी। जिसकी वजह से यह घड़ी बच गई थी। बाकी सब कुछ मठ का नष्ट हो गया था।

सुनामी के बाद हालात सुधारने पर मठ प्रमुख ने घड़ी को ठीक करने के लिए अपनी पूरी कोशिश की। लेकिन यह घड़ी ठीक नहीं हो पाई।

इसके बाद उस घड़ी को उसी तरह से छोड़ दिया गया था। फिर एक लंबे समय के बाद यह घड़ी भूकंप की वजह से ही अपने आप ठीक हो गई और चलने लगी। जिससे लोग काफी हैरान और खुश भी हुए।

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