बालों की लम्बी उम्र के लिए चमत्कारि है ये पौधा
आज हम आपको बताने जा रहे हैं ,बालों की लम्बी उम्र के लिए एक बेहद फायदेमंद औषधि के बारे में । सूखा प्रतिरोधी स्थानों (दक्षिण के जंगलों) में पाया जाने वाला यह स्थानीय पेड़ जिसे अलबीजीआ अमारा या हिंदी भाषा में कृष्णा सिरिस भी कहा जाता है , न केवल बालों के लिए एक प्राकृतिक कंडीशनर का काम करता है बल्कि इससे नए बाल भी उगते है। बल्कि अपने ही गांवों में आदिवासी महिलाओं के लिए आय का एक स्रोत भी है।
कृष्णा सिरिस (अलबीजीआ अमारा ), यह एक पेड़ है जो की 3 से 6 मीटर की ऊँचाई तक फैला होता है, जिसमें एक चौड़ा, गोल या छतरी के आकार का चंदवा होता है।
इसकी शाखाएं गहरे पीले–भूरे रंग की होती हैं तथा पत्तियां 10-20 सेंटीमीटर लंबी होती हैं, जिनमें 15-35 जोड़े पत्ते होते हैं। इसके फूल सफेद या क्रीम होते हैं, फूल खिलने के समय पेड़ सफेद दिखाई देता है।
स्थानीय आदिवासी लोग इसके सूखे पत्तों को पीसकर पाउडर बनाकर भी बेचते हैं । यह जैविक खाद्य पदार्थों के साथ प्राकृतिक शैंपू है, जो आपको रसायनों वाले उत्पादों के बजाय उत्तम परिणाम देगा और आपके बालों की प्राकृतिक सुंदरता को उस समय तक बनाये रखता है जब तक की वो उम्र से अपने आप हास न हों बल्कि ये बालों को लम्बी उम्र देने में सक्षम है।
एक बार इसका प्रयोग करने के बाद , आप बाजार में मिलने वाले रसायन युक्त अन्य प्रोडक्ट से निश्चय ही दूरी बना लेंगे । अलबीजीआ की पत्तियों का बनाया जाने वाला ये पाउडर जमे हुए मेल और तेल को हटाता है और कंडीशनिंग प्रभाव भी डालता है।
इसकी गांठ के पानी में मिलने में कुछ मिनट लगते हैं और उस दौरान ये पूरी तरह से घुला या नहीं इसका ध्यान रखा जाता है। यदि इसे बारीक चूर्ण के रूप में प्रयोग में लिया जाता है, तो यह बालों से चिपकेगा नहीं ।
यह पाउडर कैसे बनाया जाता है, इसके बारे में जानते हैं –अलबीजीआ (दक्षिण में इसे आराप्पु कहा जाता है ) के पत्तों को विशेष समय में एकत्र किया जाता है जब पत्तियां कोमल होती हैं ।
पत्तियों को पाउडर से फोम करने और बालों के लिए असरकारक हो इसके लिए इनमे से टहनियां और अन्य बेकार चीजों को हटाना होता है ।
इसकी पुलकिंग चाय की पत्तियों के समान ही होती है । इन्हे एक चमड़ेनुमा बैग में रखकर सुखाया जाता है और जब पाउडर बनने के योग्य हो जाती हैं तो इन्हे पीसकर पाउडर बना लिया जाता है ।
यह न केवल बालों के लिए चमत्कारिक औषधि है बल्कि जंगलों में रहने वाले उन आदिवासी लोगों के रोजगार का भी साधन है ।
इसे आप अपने घर के बगीचे में भी ऊगा सकते हैं और अपने बालों के लिए बिना केमिकल वाला प्राकृतिक कंडीशनर पा सकते हैं । इसके कोई साइड एफ्फेक्ट्स भी नहीं हैं ।
यह पाउडर खादी ग्रामोद्योग की दुकानों और शहर के अधिकांश जैविक स्टोरों में उपलब्ध रहता है और आजकल ये ऑनलाइन वेबसाइट्स पर भी आराप्पु पाउडर के नाम से मिल जाता है,तो इसे वहां से भी इसे ख़रीदा जा सकता है ।