एक बार फिर से हांगकांग में चीन बिरोधी प्रदर्शन, लोग सड़को पर उतरे
मालूम हो कि चीन अपनी साजिश के चलते अर्ध स्वायत्त हांगकांग को अपने सुरक्षा कानून के दायरे में लाना चाहते हैं जिसका हांगकांग के लोग विरोध कर रहे हैं और अब एक बार फिर से हांगकांग में चीन का विरोध बढ़ रहा है। लोग नारेबाजी कर रहे है, धरना दे रहे हैं और रोड जाम कर रहे हैं।
हांगकांग काफी लंबे समय से चीन से अलग होने की मांग हो रही है और वह अपने हर लोकतंत्र व्यवस्था लागू करने की माग कर रहा है। 27 मई को कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई और इस दौरान कई लोग घायल हुए और 300 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
जापान और अमेरिका ने हांगकांग के इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है वहीं ताइवान ने कहा है कि अगर राजनीतिक कारण की वजह से हांगकांग से कोई ताइवान आएगा तो ताइवान में उसे शरण दे जाएगी। 27 मई को हांगकांग को चीन से अलग करने और लोकतंत्र लागू करने की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा के इमारत के पास पहुंचकर प्रदर्शन किया। स्थानी पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मिर्ची बम का इस्तेमाल किया और लाठियां चलाई।
मालूम हो कि अभी हाल में ही हांगकांग के लिए चीन के विधानसभा में एक प्रस्ताव पास हुआ है जिसमें कहा गया है कि अगर हांगकांग का कोई व्यक्ति चीन के राष्ट्रगान का अपमान करेगा तब उसे लगभग 5 लाख के आर्थिक दंड के साथ 3 साल का कारावास होगा। वही हांगकांग में लोकतंत्र का समर्थन करने वाले विधायकों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करार दिया है।
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हांगकांग में सत्ता पक्ष वहां के लोगों के बीच देशभक्ति की भावना को मजबूत करना चाह रहा है और इसीलिए इस तरह का प्रस्ताव हांगकांग की विधानसभा में पास किया गया है और कहा गया है कि पश्चिमी देश भी आपने राष्ट्रगान और राष्ट्रभाषा की सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाए हैं और अगर उनका उल्लंघन होता है तो पश्चिमी देशों में भी दंड का प्रावधान है।
इसलिए हांगकांग में भी अगर चीनी राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत या फिर राष्ट्र चिन्ह का अपमान होगा तो अपमान करने वाले व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। मालूम हो कि इस बात की संभावना जताई जा रही है कि चीन के द्वारा हांगकांग पर थोपे जाने वाले अपनी सुरक्षा कानून पर अमेरिका जवाबी कार्रवाई में कदम उठा सकता है।
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अभी हाल में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में इस बात की घोषणा भी की थी कि अगर हांगकांग पर चीन जबरदस्ती अपना सुरक्षा कानून थोपेगा तब अमेरिका उस पर कार्यवाही करेगा। वही हांगकांग की संसद में हांगकांग को चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के दायरे में लाने पर जबरदस्त बहस चल रही है ।
संभावना जताई जा रही है कि गुरुवार यानी कि 28 मई को हांगकांग के संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का प्रस्ताव पारित हो सकता है। इसी प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर हांगकांग में चीन के खिलाफ किसी भी प्रकार की टिप्पणी की जाएगी तब इसे आपराधिक माना जाएगा और उस व्यक्ति को दंड दिया जाएगा। वहीं अमेरिका ने कहा है कि अगर हांगकांग की संसद में इस तरह का प्रस्ताव पारित होता है तब वह हांगकांग को दिया गया खास व्यापारिक सहयोगी का दर्जा अपने यहां रद्द कर देगा।