दिल्ली के मुख्यमंत्री : अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री बनने तक का सफरनामा
दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बहुमत हासिल हुआ है और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए हैं । इसी के साथ अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ आज 16 फरवरी 2000 को लिए । दिल्ली में लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनना बनने का सफर आसान नहीं था ।
आज हम जानेंगे अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने तक के सफरनामें के बारे में –
अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के भिवानी में हुआ था । इनके पिता राम गोबिंद केजरीवाल इंजीनियर थे और जिंदल स्ट्रिप्स में इंजीनियर के रूप में काम करते थे । गोविंद राम के तीन बेटे और बेटियां हैं । अरविंद केजरीवाल की माता का नाम गीता देवी है । अरविंद केजरीवाल का बचपन सोनीपत, गाजियाबाद और हिसार में बीता । इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा मिशनरी स्कूल से पूरी की और इस वजह से बचपन से ही इनका लगाव चर्च में प्रार्थना करने के प्रति रहा है । वैसे इनके घर में हिंदू रीति रिवाज से पूजा-पाठ होती है ।
अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद टाटा स्टील में नौकरी हासिल की । लेकिन नौकरी मन न लगने की वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया और अपने दिल की बात मानते हुए सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी और 1993 में सिविल सेवा परीक्षा पास करके भारतीय राजस्व सेवा में नियुक्त हो गए । इसी दौरान उनकी मुलाकात साथी आईआरएस अधिकारी सुनीता से हुई । ट्रेनिंग पूरी करने के बाद केजरीवाल की पोस्टिंग दिल्ली में हुई और 1995 में अरविंद केजरीवाल ने सुनीता से शादी कर ली ।
अरविंद केजरीवाल और सुनीता को एक बेटा पुलकित और एक बेटी हर्षिता है । अरविंद केजरीवाल को किताबें पढ़ने और शतरंज खेलने का शौक है, इसके अलावा इन्हें स्केचिंग करने भी आता है । अरविंद केजरीवाल ने संयुक्त आयुक्त के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी थी और सन 2000 में “परिवर्तन” नाम के एनजीओ की स्थापना की । अरविंद केजरीवाल ने सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई ।
मालूम हो कि अरविंद केजरीवाल का सूचना के अधिकार को लागू कराने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है । इसके लियर साल 2006 में अरविंद केजरीवाल को रमन मैग्सेस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था । इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और समाजसेवी अन्ना हजारे के संपर्क में आ गए और लोकपाल बिल के लिए जंग शुरू की । साल 2012 में उन्होंने राजनीतिक पार्टी “आम आदमी पार्टी” का गठन किया और इस वजह से किरण बेदी और अन्ना हजारे अरविंद केजरीवाल से नाराज हो गए ।
लेकिन इसके बावजूद वो हार नहीं माने और साल 2013 में शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ा और उन्हें भारी बहुमत से हरा दिया । पहली बार 49 दिन के लिए केजरीवाल की सरकार बनी लेकिन जल्द ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा । उसके बाद 2015 में दोबारा विधानसभा चुनाव हुआ जिसमें आप को पूर्ण बहुमत के साथ अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाई और फिर तीसरी बार साल 2020 में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला और अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री नियुक्त हुए है ।