आस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से हुआ भारी नुकसान
पिछले कुछ समय से ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है और ऑस्ट्रेलिया का शहर सिडनी तिल तिल कर जल रहा है । दुनिया भर के देशों ने आग से होने वाली छति पर चिंता व्यक्त की । लेकिन किसी का भी ध्यान इस बात की तरफ नहीं गया इस आज से कितना भारी नुकसान हो रहा है । ऑस्ट्रेलिया के कुछ इलाकों में आग पर काबू पा लिया गया है । लेकिन अब कुछ समस्याएं सामने आ रही हैं जैसे जल की कमी और हवा का प्रदूषित होना भी शामिल है ।
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग लगने से सबसे ज्यादा नुकसान जैव विविधता को पहुंचा है । एक तरह से कहा जाए तो आस्ट्रेलिया में लगी आग से जो नुकसान हुआ वह तस्वीर से चौंकाने से भी ज्यादा भयावह है । आस्ट्रेलिया के जिन जंगलों में आग लगी है वहां बेहद उपयोगी जैव विविधता पाई जाती है ।
उन इलाकों में अरबों प्रजाति के जीव जंतु पाए जाते हैं और आग की लपटों से इन प्रजातियों का समूल नाश हो गया है या नष्ट होने के कगार पर है । जैव विविधता के विशेषज्ञों का कहना है कि यह पर पाई जाने वाली जातियों के लिए खतरे की घंटी है । इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस आग की वजह से अब तक एक लाख वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र जलकर राख हो चुका है ।
बताया जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में छह से सात लाख ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं जो पूरी दुनिया में कहीं दूसरी जगह पर नहीं मिलती है । यह प्रजातियां केवल ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में ही पाई जाती हैं जिनका आग की वजह से समूल नाश हो गया है ।
आस्ट्रेलिया में पानी की कमी हो गई है जिसका असर इंसान और जानवरों के बीच संघर्ष के रूप में सामने आ रहा है । वहीं जंगल के इन इलाके में पाए जाने वाले कीटो की प्रजातियों के ऊपर संकट खड़ा हो गया है । इन प्रजाति के कीट केवल ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पाए जाते थे इनमें से ज्यादातर की प्रजातियां खत्म हो गई है या फिर खत्म होने के कगार पर पहुंच गई हैं ।
बताया जा रहा है कि कीटों की ये प्रजाति जंगलों के लिए उपयोगी होती हैं । फॉक्स न्यूज़ के अनुसार दक्षिणी आस्ट्रेलिया में क्षेत्र में आग की शुरुआत हुई थी और देखते ही देखते 15 लाख एकड़ में आग फैल गई और जंगल जल कर रख हो गए और 26 लोगों की जान चली गई । फॉक्स न्यूज के अनुसार यह भी कहा गया कि करीब एक अरब से ज्यादा जानवर मारे जा चुके हैं या फिर उनकी जान खतरे में है ।
सिडनी यूनिवर्सिटी की तरफ से एक आकलन जारी किया गया है सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिश दिकमैन का कहना है कि आग से हुए नुकसान की तुलना करना संभव नही है इस आग का जानवरो पर ज्यादा असर हुआ ।
कई दिनों तक आग लगे रहने से पानी के प्राकृतिक स्त्रोत सूख गए हैं और हरे-भरे जंगल खत्म हो गए हैं ऐसे में जीव जंतुओं के सामने भोजन और प्यास बुझाने की समस्या उत्पन्न हो गई है । सबसे बड़ा संकट ऊँटो के सामने है और इसलिए दक्षिण आस्ट्रेलिया में हजारों ऊंटों का कत्ल किया जा रहा है । ऐसा सिर्फ भीषण गर्मी और सूखे की वजह से किया जा रहा है ।
वही इन इलाकों में रहने वाले लोगों का मानना है कि ये ऊंट इंसानों और इमारतों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं क्योंकि पानी की तलाश में गलियों में घूम रहे हैं जिससे छोटे बच्चों और लोगों के लिए खतरा हो गया है । घोड़ों को भी आने वाले समय में मारने की आशंका जताई जा रही है ।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि गर्म और शुष्क मौसम के कारण आने वाले समय में आग लगने की घटनाओ में इजाफा देखने को मिल सकती है । मालूम हो कि आस्ट्रेलिया के कई सालों से सूखे की हालात हैं और सूखे की वजह से आग लगना ऐसे में आसान हो जाता है । वैज्ञानिकों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में गर्म तापमान और आग का खतरा आने वाले समय में भी बना रहेगा ।