आइये जाने क्या है बायो बबल (Bio Bubble) का घेरा जिससे खिलाड़ी रहेंगे सुरक्षित
कोरोना वायरस महामारी चीन से शुरू होकर पूरी दुनिया को दहशत में डाले है। मार्च से इसका प्रकोप बढ़ने लगा और यह लगातार वक्त बीतने के साथ बढ़ता ही जा रहा है।
अब दुनिया में कोरोना वायरस महामारी को लेकर डर धीरे-धीरे थोड़ा कम हो रहा है। लोगों ने यह समझ लिया है कि इस महामारी से निपटने का सिर्फ एक ही तरीका है किसके साथ रहना सीख लिया जाये।
ऐसे में सरकार, समाज और विभिन्न संगठनों के कामकाज करने के लिए भी नए विकल्प ढूढे जा रहे हैं जिससे कोरोना वायरस की मौजूदगी में भी सब कुछ पहले जैसा किया जा सके।
ऐसी व्यवस्था को ही बायो बबल्या और ट्रेवल बबल नाम दिये जा रहे है। इनका प्रयोग भी शुरू हो गया है और इस बात का आकलन किया जा रहा है कि क्या इस तरह के बबल बनाकर दुनिया कोरोना वायरस के पहले के जैसे स्थिति में खड़ी होने लायक है या नही।
कोरोना वायरस महामारी के चलते ही एयर लाइंस, बस, ट्रेन, जैसे आवागमन के साधन रुके हुए हैं और उन्हें थोड़ी सहूलियत के साथ थोड़ा-थोड़ा खोला जा रहा है। स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल, पर्यटन स्थल आज भी बंद पड़े हैं।
लेकिन इंटरनेट की मदद से लोग अपने घरों से ऑनलाइन काम कर रहे हैं और अन्य विकल्प खोजने में लगे हैं जिससे कि कामकाज करते हुए कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचा जा सके ।
जैसे – स्वास्थ्य, सफाई, पुलिस व्यवस्था से जुड़े कर्मचारी शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए पीपीआई किट, मास्क, हैंड सेनीटाइजर की मदद से खुद को वायरस से बचाते हुए ड्यूटी करने में लगे हुए हैं।
फिल्म इंडस्ट्री द्वारा भी कुछ प्रयोग आजमाया जा रहा जैसे कि अगर फिल्मों को सिनेमाहॉल में रिलीज नही किया जा सकता है तो उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जा रहा है। पढ़ाई भी ऑनलाइन वर्चुअल तरीके से की जा रही है।
लेकिन खेल का आयोजन किस तरह से हो और हवाई यात्रियों का संचालन कैसे हो। ऐसे में खेल किस तरीके से किया आयोजित हो इसके विकल्प ढूढे जा रहे हैं।
क्योंकि अभी तक तो कई खेल आयोजनों को कोरोना वायरस के चलते स्थगित किया जा चुका है लेकिन इसे ज्यादा दिन तक स्थगित नहीं किया जा सकता है और खिलाड़ी PPI KIT पहनकर खेल नही सकते हैं।
ऐसे में Bubble Sysytem काम कर सकती है ताकि खेल का आयोजन भी हो सके और खिलाड़ी हवाई यात्रा कर सकें और वायरस की चपेट में आने से बच सके।
बबल का अर्थ ज्यादातर लोग नकारात्मक लगाते हैं। व्यापार आदि में बबल शब्द से आशय चीजों को बुलबुले की तरह बढ़ा चढ़ा कर दिखाने से होता है और जब इसमें एक पिन चुबोई जाती है तो यह फट जाता है।
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लेकिन इस अब के चर्चित Bubble Sysytem का एक सकारात्मक समाधान भी सामने आ रहा है। अभी हाल में ही वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच टेस्ट शृंखला का एक मैच बबल व्यवस्था के तहत कराया गया था।
बता दें कि मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन के बाद वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच इंग्लैंड में पहली बार कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया था।
इसमें Bio Secure System के तहत ही खिलाड़ियों को सुरक्षा प्रदान की गई थी इसे ही बायो बबल वाली व्यवस्था के नाम से जाना जा रहा है।
प्रतिदिन खिलाड़ियों की हेल्थ रिपोर्ट –
इस व्यवस्था के तहत इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने एक Bio Secure Environment बनाया था, जिसमें खिलाड़ियों से लेकर उनके सहयोगी स्टाफ और होटल कर्मियों को बाकी दुनिया से अलग रखा गया था। मीडिया कर्मियों के पहुंच भी खिलाड़ियों से बहुत सीमित रखी गई थी।
इस दौरान सभी खिलाड़ी और कर्मचारी शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन किए और कोरोना वायरस की जांच नियमित रूप से प्रतिदिन कराते रहे और उनकी रिपोर्ट भी प्रतिदिन तैयार की गई।
इस प्रकार दोनों देशों द्वारा खेल में शामिल खिलाड़ियों और कुछ गिने-चुने लोगों को Bio Bubble बना दिया गया था और वे टीवी कैमरे के जरिए पूरी दुनिया में नजर आ रहे थे, लेकिन किसी भी बाहरी व्यक्ति से ये लोग नही मिल रहे थे।
स्टेडियम और होटल को एक ग्रीन जोन बनाना –
स्टेडियम और होटल को एक Green Zone बनाने की बात की जा रही है। जिसमें खिलाड़ियों, टीम प्रबंधन, होटल स्टाफ से जुड़े लोग ही रहेंगे।
वहां पर स्टेडियम तक एल लोग किसी अन्य व्यक्ति से संपर्क में नही आएंगे और अगर कोई व्यक्ति Bubble Rules का उल्लंघन करेगा तो उस पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
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Bio Bubble नियम के तहत अगर कोई टीम मैच खेलेगी और होटल में रहेगी तब उसके 1500 से 2000 वर्ग मीटर के दायरे को बिल्कुल अलग-थलग कर दिया जाएगा और होटल और स्टेडियम के इस ग्रीन जोन मे किसी दूसरे सदस्य को जाने नही दिया जाएगा।
ट्रेवल बबल –
बायो बबल की तहत सभी खेलों का आयोजन किया जा सकेगा और दुनिया सामान्य दिनचर्या की तरफ आगे बढ़ सकेगी। अब परिवहन संचालन के लिए Travel Bubble की व्यवस्था की बात की जा रही है जिससे अंतरराष्ट्रीय विमान उड़ान के दौरान क्रिकेट के तरह ही ट्रेवल बबल का प्रयोग किया जाएगा।
लेकिन यहां नियम थोड़ा अलग होगा। इसमें इस तरह के कठोर पाबंदियां होगी कि कोई भी अपनी मनचाही संख्या में टिकट नही बुक करा पाएगा ।
यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के कोरोना वायरस के टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट साथ रखनी अनिवार्य रहेगी और जिन देशों में ये यात्री लैंड करेंगे वहां पर भी उन्हें क्वारंटाइन नियम का पालन करना होगा।