क्यों होता है पेट का कैंसर ( Colon Cancer ) ? क्या है इसके शुरुआती लक्षण

क्यों होता है पेट का कैंसर ( Colon Cancer ) ? क्या है इसके शुरुआती लक्षण

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो हमारे शरीर कि किसी भी हिस्से मे कभी भी हो सकती है। ज्यादातर हम लोग गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, आंत् का कैंसर, स्तन कैंसर जैसे नामों से परिचित हैं।

लेकिन पेट में भी कैंसर होता है, जिसे Colon Cancer ( पेट का कैंसर ) या अमाशय के कैंसर के रूप में जाना जाता है। हालांकि पेट के कैंसर के मामले कम ही देखने को मिलते हैं।

अगर कैंसर का प्रारंभिक स्टेज का ही पता चल जाता है तो इसका निदान आसान हो जाता है। Manipal Hospitals के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर कुणाल दास का कहना है कि गैस्ट्रिक कैंसर होने पर पेट के भीतरी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं।

इस कैंसर के मामले में ज्यादातर केस एडिनोकार्सिनोमा के रूप में शुरू होता है। पेट के कैंसर होने पर पीड़ित व्यक्ति के म्यूकोसा में पाई जाने वाली कोशिकाएं बहुत तेजी से बढ़ने लगती हैं।

बता दे कि म्यूकोसा कोशिका वह कोशिका है जहां पर शरीर बलगम का उत्पादन करता है। ऐसे में इस तरह के कैंसर पर इसका निदान थोड़ा मुश्किल होता है। पुरुषों की तुलना में पेट के कैंसर होने की संभावना महिलाओं में अधिक पाई जाती है।

पेट के कैंसर के चरण ( Stages of colon cancer ):–

Colon Cancer एडिनो कार्सिनोमा के रूप में अमाशय यानी कि हमारे पेट में होता है। कोशिकाएं कितनी विकसित हो चुकी है, इसी के आधार पर कैंसर के स्टेज का निर्धारण किया जाता है। पेट के कैंसर के स्टेज –

पहला स्टेज इसमें कोशिकाएं पेट की आंतरिक परत में मौजूद ऊपरी स्तर तक ही रहती है।

दूसरी स्टेज इसमें कैंसर की कोशिका पेट की आंतरिक परत तक तेजी से फैल चुकी होती है।

तीसरी स्टेज इसमें कैंसर की कोशिकाएं पेट के लगभग सभी परतों पर और लिम्फ नोड पर फैली होती हैं।

चौथी स्टेजचौथी स्टेज के कैंसर की कोशिकाएं पेट के सभी आंतरिक परतों और शरीर के अंगों को भी प्रभावित करना शुरू कर देती है। यह लास्ट स्टेज होता है।

पेट का कैंसर होने का कारण (Cause of colon cancer )  :-

जब हमारे शरीर की ऊपरी पाचन तंत्र के अंतर्गत आने वाली कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती हैं तब पेट का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

पेट के कैंसर
पेट के कैंसर

यही कोशिकाएं बाद में ट्यूमर का निर्माण कर देती हैं। हालांकि यह कोशिकाएं बेहद धीरे-धीरे हमारे शरीर में कोशिकाओं का एक जाल जैसा बना लेती हैं।

पेट के कैंसर के लिए निम्नलिखित कारक जिम्मेदार होते हैं –

  • लिंफोमा कैंसर
  • पाचन तंत्र के अन्य हिस्सों में ट्यूमर
  • पेट में एच पाइलोरी जीवाणु संक्रमण का होना
  • पेप्टिक अल्सर का होना
  • अनुवांशिक स्थितियों के कारण पारिवारिक एडिनोमेटस पॉलिसिस के कारण
  • लिंच सिंड्रोम के कारण
  • ली फ्रॉमेनी सिंड्रोम के कारण
  • एनीमिया और विटामिन बी की कमी के कारण
  • गैस्ट्रिक कैंसर के कारण
  • शरीर का वजन अधिक होना
  • धूम्रपान करने की आदत
  • अनुवांशिक कारण
  • एक्सरसाइज को अनदेखा करना
  • गलत पोस्चर के कारण
  • लकड़ी, कोयला, रबड़ उद्योग में काम करने के कारण
  • मछली मांस का अत्यधिक सेवन करने के कारण
  • 50 वर्ष से अधिक उम्र

पेट के कैंसर के लक्षण ( Symptoms of colon cancer) :-

Colon Cancer होने पर पीड़ित व्यक्ति के शरीर में निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलते हैं

  • पेट ज्यादा भरा भरा महसूस होना
  • पसलियों और छाती (चेस्ट) में दर्द होना
  • पेट में दर्द रहना
  • कोई भी चीज निगलने में कठिनाई महसूस करना
  • बार बार डकार आना
  • सीने में जलन की समस्या
  • पेट फूलने की समस्या अपच की समस्या
  • उल्टी आना
  • पेट में तेज दर्द होना
  • खून की कमी होना
  • पेट में तरल पदार्थ का अत्यधिक निर्माण होना
  • पेट में गांठ जैसा महसूस होना
  • रक्त युक्त काला मल होना
  • अत्यधिक थकान महसूस होना
  • भूख ना लगना
  • वजन घटना
  • पेट में सूजन रहना
पेट के कैंसर की जांच ( Colon cancer screening ) :-

डॉक्टर के अनुसार पेट का कैंसर होने का खतरा महसूस होने पर स्क्रीनिंग टेस्ट के जरिए इसका निदान किया जा सकता है। क्योंकि पेट के कैंसर का प्रारंभिक लक्षण तुरंत नजर नही आता।

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इसलिए लोग इस बीमारी के प्रति सजग नही हो पाते हैं और उनका निदान मुश्किल हो जाता है। पेट के कैंसर की स्थिति में डॉक्टर सबसे पहले परिवार का इतिहास जानते हैं और उसके बाद शारीरिक परीक्षण करते हैं। इसके लिए निम्नलिखित जांच की जा सकती है –

  • एंडोस्कोपी
  • बायोप्सी
  • पी कंप्लेंट अकाउंट
  • जेनेटिक टेस्ट
  • सीटी स्कैन
  • पॉजिट्रोन एमिशन
  • टोमोग्राफी
  • लैप्रोस्कोपी
  • एक्स रे आदि

इलाज (Treatment )  :-

पेट के यहां कैंसर के इलाज के लिए निम्नलिखित के तरीके अपनाए जाते हैं –

  • रेडिएशन थेरेपी
  • कीमो थेरेपी
  • इम्यूनोथेरेपी
  • सर्जरी

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