चीनी लोगों के लिए हांगकांग में बढ़ती जा रही हैं नफरत
हांगकांग पिछले काफी समय से विरोध प्रदर्शन जारी है । हांगकांग को लेकर चीन की परेशानियां अभी भी कम नहीं हुई है और यह लगातार बढ़ती जा रही हैं । बीते करीब 7 महीनों से लगातार हिंसा विरोध प्रदर्शन की वजह से हांगकांग के साथ-साथ चीन की अर्थव्यवस्था भी चरमरा सी गई है । वहीं अब इस बात की घोषणा हुई हैं कि प्रदर्शनकारियों द्वारा चीन के खिलाफ एक जनवरी को एक बड़ी रैली आयोजित की जा सकती है ।
इसके साथ ही यह भी देखने को मिल रहा है कि हांगकांग के लोगों में चीन के लोगों के प्रति नफरत दिनों दिन बढ़ती जा रही है और यही वजह है कि हांगकांग में चीन के व्यवसायियों के खिलाफ हांगकांग छोड़ने का नारा हर तरफ सुनाई दे रहा है । हांगकांग के लोगों द्वारा नारा लगाया जाता है कि “चीन के व्यवसायियों हांगकांग छोड़ो”, जिससे इस बात का साफ संकेत मिलता है कि हांगकांग में चीन की सरकार और चीन के मूल निवासियों के लिए नफरत दिनोंदिन पनप रही है और यह बढ़ती ही जा रही है ।
बता दे प्रदर्शन की वजह से ही हांगकांग में जारी लगाता प्रदर्शनों के बीच काफी संख्या में चीन के नागरिक और चीनी छात्र हांगकांग से जा चुके हैं । मालूम हो कि हांगकांग में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जून के महीने से प्रारंभ हुआ था । यह विरोध प्रदर्शन एक विधेयक के विरोध में शुरू हुआ था अब हांगकांग की आजादी और चीन को वहां से खदेड़ने तक पहुंच चुका है ।
यहां तक कि क्रिसमस के मौके पर भी हांगकांग में चीन के विरोध में प्रदर्शन का ही काफी शोर सुनाई देता था । शनिवार को चीन की सीमा से लगे शयोंग सुई में काफी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे और उन्होंने चीन व्यवसायीओं को वहां से चले जाने की मांग की और नारेबाजी की । हांगकांग की पुलिस प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए अपनी पूरी तैयारी में थी ।
प्रदर्शनकारियों को पहचानने के लिए कुछ इलाकों में पुलिस की तैनाती सफेद कपड़ों में की गई थी जिस वजह से चीन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान काफी लोग गिरफ्तार कर लिए गए ।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई । सरकारी आंकड़े के अनुसार बीते 6 महीनों के अंदर पुलिस ने करीब साथ हजार प्रदर्शनकारियों को अब तक गिरफ्तार कर लिया है । जिसमें सबसे कम उम्र की प्रदर्शनकारी की उम्र मात्र 12 वर्ष है । वहीं अगर बात की जाए चीन की तो चीन कि परेशानी की वजह केवल प्रदर्शन नहीं है बल्कि प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतरे देशों के लोगों का बयान भी है । प्रदर्शनकारियों के समर्थन में बयान देने वाले देशों में ब्रिटेन और अमेरिका मुख्य रूप से शामिल है ।
जिसके विरोध में चीन ने इन देशों के लिए प्रतिक्रिया भी की और कहा कि चीन के लिए हांगकांग आंतरिक मामला है और किसी दूसरे देश को इस में दखलअंदाजी नहीं करना चाहिए, यह बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अमेरिका पहले ही दोनों देशों के बीच व्यापार के मुद्दे पर कई बार बयान बाजी कर चुका है ।
हांगकांग में चीन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच ही अमेरिका में हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम 2019 का कानून भी लागू कर दिया गया है जिस वजह से बीजिंग झुँझला गया है । अमेरिका द्वारा एक और विधेयक पारित कराया गया है जिसमें हांगकांग पुलिस को आंसू गैस, रबर की गोली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है क्योंकि इन उपकरणों का इस्तेमाल हांगकांग पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कर रही है ।
अमेरिका के इन दिनों के विधेयक के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की और कहा कि ताइवान, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत के बारे में अमेरिका की टिप्पणी की वजह से चीन और अमेरिका के आपसी संबंध खराब हो सकते है ।