क्या कोरोना वायरस पहले से ही मौजूद है ?
क्यों कोरोना वायरस पहले से ही मौजूद है ? इस संबंध में डॉक्टरों का कहना है कि दुनिया में कोरोना वायरस काफी पहले से ही मौजूद है और अब तक इसके पांच प्रकार के स्ट्रेन देखने को मिलते है जिसमें से दो अल्फा, एक बीटा, SARS, MERS पहले से ही देखे जा चुके हैं । साल 2019 में एसएआरयस टू वायरस की शुरुआत हुई और जो धीरे-धीरे कोरोना वायरस में बदल गया । इसका प्रभाव अन्य वायरसों की तुलना में काफी ज्यादा खतरनाक है ।
बता दें कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में सबसे पहले दिसंबर में ही देखा गया था । चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला मामला आया था जो कि जनवरी के महीने में बढने लगा और दुनिया का ध्यान इस तरफ गया । यह धीरे-धीरे बढ़ता ही गया और लगभग 85 से अधिक देश कोरोना वायरस से प्रभावित है ।
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या लगभग एक लाख तक पहुंच चुकी है और 3000 से ज्यादा लोगों की मौत कराना वायरस हो चुकी है । भारत में भी कोरोना वायरस के 31 मामले देखने को मिले हैं । पहला मामला भारत में एक मेडिकल की छात्रा में मिला था जो चीन के वुहान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी और वहां से भारत वापस आई तो कुछ दिन बाद उसमें कोरोना वायरस के लक्षण देखने को मिले ।
उसके बाद उसे आइसोलेशन में रख कर इलाज किया गया अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है । इसके अलावा दिल्ली के 2 मरीज और राजस्थान गुड़गांव नोएडा में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मामले मिले । कोरोना वायरस से बचने का सबसे बेहतर तरीका इससे बचाव करना है । लोगों को इस को लेकर भ्रम पालने से बेहतर है इसके बचाव पर ज्यादा ध्यान दें ।
दिल्ली एम्स के डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि 2 मीटर से ज्यादा दूर कोरोना वायरस नहीं जाता है इसलिए सार्वजनिक जगहों पर अगर किसी काम के सिलसिले में जाना पड़े तो इस बात का ध्यान रखें और कोशिश करें कि कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाए रखें । कोरोना वायरस का संक्रमण नाक और मुह के जरिए फेफड़े तक पहुंचता है । इसलिए जरूरी है कि बार-बार हाथ धोए जिससे संक्रमण शरीर के अंदर ना जा सके ।
डॉक्टर का कहना है कि यह समस्या एक गंभीर समस्या है लेकिन इससे घबराने के बजाय सतर्कता बरतने की जरूरत है । जो लोग कोरोना वायरस से प्रभावित देशों की यात्रा करके लौट आए हैं या फिर उनसे कोई भी व्यक्ति संपर्क में रहा है तो उन लोगों को अपनी जांच करवानी चाहिए तथा उनसे एक निश्चित दूरी बनाकर रखनी चाहिए ।
सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य में जांच के लिए सुविधा प्रदान की गई है डॉक्टर का कहना है कि किसी को भी अगर सर्दी, जुखाम, सर दर्द या फिर निमोनिया के लक्षण अगर नजर आते हैं तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अपनी जांच करवानी चाहिए ।
कोरोना वायरस भी एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा है और इसके लक्षण फ्लू की तरह ही होते हैं । कोरोना वायरस उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा घातक है जिन्हें पहले से ही किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी है । यह वायरस स्वस्थ इंसान के लिए उतना खतरनाक नहीं है ।
स्वस्थ इंसान इससे बचाव करके रह सकता है लेकिन डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट के मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उनके लिए कोरोना वायरस का संक्रमण जानलेवा हो सकता है, साथ ही गर्भवती महिलाओं तथा उन लोगों को जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है उन्हें भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है ।
डॉक्टर ने बताया कि कोरोना वायरस का किसी भी वस्तु पर असर ज्यादा से ज्यादा ठंड के मौसम में 8 से 10 घंटे तक रहता है वहीं गर्मियों के मौसम में यह 2 से 3 घंटे तक रहता है । तो इस बात की संभावना जताई जा रही है कि जैसे-जैसे टेंपरेचर में वृद्धि होगी कोरोना वायरस का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो जाएगा लेकिन यह पूरी तरीके से खत्म नहीं होगा क्योंकि इस तरह के वायरस अधिक तापमान में निष्क्रिय हो जाते है ।